थके हारे कमलनाथ ने कांग्रेस में बगावत का मामला सोनिया पर छोड़ा
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ की सरकार खतरे में है. एक एक करके कांग्रेस विधायक सरकार का साथ छोड़ते हुए दिख रहे हैं. हैरान परेशान कमलनाथ सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली पहुंचे. उन्होंने पूरी तरह सोनिया गांधी के निर्देशन का पालन करने की बात कही है. उनका ये बयान दर्शाता है कि कमलनाथ को खुद पर भरोसा नहीं रह गया है.
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोनिया गांधी से मुलाकात तो कर ली. लेकिन उनके हाव भाव में पहले की तरह आत्मविश्वास का अभाव दिखाई दिया.
सोनिया शरणं गच्छामि
कमलनाथ पूरी तरह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के शरणागत होते हुए दिखाई दिए. सोनिया से मुलाकात के बाद निकले कमलनाथ ने समाचार एजेन्सी एएनआई को बताया कि 'मैंने कांग्रेस की अंतरिक अध्यक्ष से वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों के बारे में चर्चा की, उनके मार्गदर्शन का मैं पालन करूंगा.' जब संवाददाताओं ने कमलनाथ से गायब विधायकों के बारे में प्रश्न किया तो उनका कहना था कि 'सब वापस आकर कहते हैं हम तीर्थ यात्रा में गए थे'.
कमलनाथ ने सोनिया गांधी के सामने सरेंडर करने की बात कहकर यह साबित कर दिया है कि मध्य प्रदेश का मामला अब उनसे संभल नहीं रहा है. प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी की समस्या से निपटना उनके बस के बाहर हो गया है.
कमलनाथ से खफा ज्योतिरादित्य भी दिल्ली में
उधर कमलनाथ के खिलाफ सड़क पर उतरने का ऐलान कर चुके और मध्य प्रदेश सरकार के वर्तमान संकट के कथित सूत्रधार ज्योतिरादित्य सिंधिया भी दिल्ली में ही हैं. जिनसे मिलने के लिए उनके खेमे के विधायक भी दिल्ली आ रहे हैं. इन विधायकों में पिछले 5 दिनों से गायब रघुराज कंसाना भी हैं.
कई और विधायक हो गए हैं लापता
कमलनाथ की मुश्किल ये है कि दिग्विजय सिंह की तमाम कोशिशों के बावजूद उनकी सरकार का संकट टलता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है. बताया जा रहा है कि कई और कांग्रेस विधायक रविवार की रात से लापता हो गए हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उनसे संपर्क नहीं कर पा रहे हैं.
बताया जा रहा है कि विधायक ओपीएस भदौरिया, जसवंत जाटव के फोन बंद हैं. विधायक इमरती देवी ग्वालियर में हैं. खबर है कि कई विधायकों ने अपने सरकारी सुरक्षा कर्मी भी वापस कर दिए हैं. ताकि उनकी आवाजाही की खबरें लीक न हो सकें.
कमलनाथ से सौदेबाजी में जुटे विधायक
कमलनाथ के सामने अपनी सरकार बचाने की मजबूरी है. जिसका फायदा उठाने के लिए कई विधायक उनसे तगड़ी सौदेबाजी कर रहे हैं. सरकार के साथ शामिल एक निर्दलीय विधायक सुरेन्द्र सिंह शेरा तो मुख्यमंत्री के बाद दूसरे सबसे अहम पद गृहमंत्री बनने की ख्वाहिश रखते हैं. उन्होंने बयान दिया है कि 'बहुत जल्द ही, शायद होली के अगले दिन ही ऐसा हो जाएगा. मैं गृह मंत्रालय विभाग पाना चाहूंगा लेकिन अभी इस बारे में मुख्यमंत्री कमलनाथ से चर्चा नहीं किया है.'
पिछले 6 दिन से चल रहा है मध्य प्रदेश में ड्रामा
मध्य प्रदेश में 3 मार्च से लगातार हंगामा चल रहा है. इस दिन कांग्रेस, बसपा और सपा के 9 विधायक अचानक लापता हो गए थे. इसमें से 5 विधायकों को किसी तरह मनाकर भोपाल लाया गया. लेकिन तब तक कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग ने इस्तीफा दे दिया. कांग्रेस विधायकों की इस भागमभाग से मुख्यमंत्री कमलनाथ परेशान हो गए हैं.
राज्य में जल्दी ही राज्यसभा के लिए चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में विधायकों की कलाबाजी से कांग्रेस की दो सीटें जीतने की मंशा पर पानी फिरता हुआ नजर आ रहा है. सरकार पर संकट की आशंका से कमलनाथ परेशान दिखाई दे रहे हैं.
इन्हीं मुश्किलों से निपटने के लिए कमलनाथ ने सोमवार की दोपहर कांग्रेस अलाकमान सोनिया गांधी से मुलाकात की और सोनिया के निर्देशों के मुताबिक काम करने की सार्वजनिक घोषणा की.
ये भी पढ़ें--मध्यप्रदेश: कुर्सी की आस में कमलनाथ बने विधायकों के दास
ये भी पढ़ें--अपने विधायक संभल नहीं रहे तो भाजपा विधायकों पर डोरे डाल रहे कमलनाथ
ये भी पढ़ें--ज्योतिरादित्य सिंधिया ही हैं कमलनाथ सरकार पर संकट के पीछे
ये भी पढ़ें--मध्यप्रदेश ही नहीं, राजस्थान और महाराष्ट्र में भी अस्थिर हो सकती हैं सरकारें
ये भी पढ़ें--कमलनाथ और दिग्विजय सिंह कुछ ऐसे कर रहे हैं सरकार बचाने की कोशिश