मध्यप्रदेश ही नहीं, राजस्थान और महाराष्ट्र में भी अस्थिर हो सकती हैं सरकारें

मध्यप्रदेश सिर्फ एक अकेला उदाहरण नहीं है जहां सरकार को डर है अपनी अस्थिरता को लेकर, इसी कड़ी में आगे हैं राजस्थान और महाराष्ट्र भी जहां कभी भी हो सकता है तख्ता पलट..  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 7, 2020, 07:35 AM IST
    • राजस्थान और महाराष्ट्र में भी अस्थिर है सरकार
    • जयंत पाटिल का दावा अर्थपूर्ण है
    • यूनुस खान के बयान में छुपा है इशारा
    • जयंत पाटिल का आरोप एक संकेत है
मध्यप्रदेश ही नहीं, राजस्थान और महाराष्ट्र में भी अस्थिर हो सकती हैं सरकारें

 

नई दिल्ली.  मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार की जोखिम अभी पूरी तरह से खत्म मानना समझदारी नहीं होगी. दूसरी तरफ देखें तो महाराष्ट्र और राजस्थान में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं कहा जा सकता. इन दोनों जगहों पर भी मध्यप्रदेश का खेल रिपीट हो सकता है. 

 

जयंत पाटिल का दावा अर्थपूर्ण है 

महाराष्ट्र सरकार की अस्थिरता की कहानी वैसी नहीं है जैसी ऊपर से दिख रही है. प्रदेश सरकार में मंत्री  जयंत पाटिल का दावा सामने आया है भाजपा के 15 विधायक महाराष्ट्र विकास अघाडी से मिले हुए हैं. इस बात का मतलब है कि अस्थिरता का समीकरण वैसा नहीं है जैसे कयास लगाए जा रहे हैं. नाव में छेद कहीं और से भी हो सकता है.

यूनुस खान के बयान में छुपा है इशारा  

जिस तरह से महाराष्ट्र सरकार के मंत्री जंयत पाटिल का बयान कुछ कहता है उसी तरह राजस्थान में यूनुस खान का वक्तव्य भी बहुत कुछ कहता है. राजस्थान के पूर्व परिवहन मंत्री युनूस खान का कहना है कि सीएम गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच जिस तेजी से दूरियां बढ़ती जा रही हैं उसी तेजी से राज्य की दिशा बिगड़ रही है.

 

जयंत पाटिल का आरोप एक संकेत है 

महाराष्ट्र राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के महाराष्ट्र के मुखिया जयंत पाटिल ने अचानक भाजपा पर सत्ता के लिए उतावला होने का आरोप लगा दिया है. भाजपा के लिए सत्ता के प्रति उतावलापन रखना न अनहोनी है न कोई नई बात है. राजनीतिक पार्टी अगर सत्ता के लिए उतावलापन नहीं रखेगी तो कोई सामाजिक पार्टी तो रखेगी नहीं. पाटिल का आरोप है कि भाजपा के 14-15 विधायक हमसे बात कर रहे हैं और हम कभी भी उनका शिकार कर सकते हैं पर हम करेंगे नहीं. 

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