भोपाल: मध्यप्रदेश की कुर्सी बचाने की कोशिश में मुख्यमंत्री कमलनाथ एक एक विधायक को मनाने की तैयारी में हैं लेकिन उनकी अपनी पार्टी के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ही कमलनाथ की रह में कांटे बिछा रहे हैं. कमलनाथ कैबिनेट में बड़े मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि कमलनाथ की सरकार को संकट तब होगा, जब सरकार हमारे नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया जी की उपेक्षा या अनादर करेगी. जो पिछले कई दिनों से जारी है. इस बयान से स्पष्ट है कि जो विधायक बगावती रुख अपनाए हैं उनके पीछे कोई और नहीं सिंधिया हैं.
नहीं मान रहे कांग्रेस के बागी
कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व द्वारा बागी विधायकों को मनाया जा रहा है. बताया जाता है कि गुरुग्राम के 5 स्टार होटल में जो विधायक ठहरे हुए हैं वे सभी भाजपा नेता नरोत्तम मिश्र के सम्पर्क में हैं, इनमें बिसाहूलाल, हरदीप सिंह डंग, बैजनाथ कुशवाहा, सुरेन्द्र सिंह शेरा और संजीव कुशवाहा शामिल हैं.
वहीं चार अन्य कांग्रेसी विधायकों को बेंगलुरु में ठहराया गया है. राजनीतिक सरगर्मी के बीच मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह दिल्ली में मौजूद हैं और बागी विधायकों को मनाने की कोशिश कर रहे हैं.
विधायक के इस्तीफे के बाद कमलनाथ के होश उड़े
सीएम ने अपने सभी विधायकों को राजधानी भोपाल बुला लिया है और किसी को भी राजधानी न छोड़ने की हिदायत दी गई है. इस बीच दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के आवास पर मध्य प्रदेश को लेकर भाजपा नेताओं की बैठक चल रही है. आपको बता दें कि सियासी उथल-पुथल मंगलवार से शुरू हुई थी, जब दिग्विजय ने भाजपा पर हॉर्स ट्रेडिंग के आरोप लगाए थे. दिग्विजय शुक्रवार को दिल्ली से लौटे और सीधे मुख्यमंत्री कमलनाथ के आवास पर पहुंचे.
ये भी पढ़ें- अपने विधायक संभल नहीं रहे तो भाजपा विधायकों पर डोरे डाल रहे कमलनाथ
कांग्रेस में राज्यसभा के लिये घमासान
मध्य प्रदेश के कोटे से खाली हो रही तीन राज्यसभा सीटों में से दो बीजेपी की और एक कांग्रेस की है. मौजूदा विधायकों के आंकड़ों के लेकर राज्यसभा की तीसरी सीट के लिए कांग्रेस-बीजेपी के बीच उठापटक शुरू हो गयी है. इस राजनीतिक उठापटक में जीत पाने में कांग्रेस के लिये संकट ज्यादा हैं क्योंकि उसके अपने नेता ही उसके रास्ते में कांटे बिछा रहे हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया प्रदेश अध्यक्ष बनना चाहते हैं लेकिन कमलनाथ उन्हें राज्यसभा भेजकर अपना पीछा छुड़ाना चाहते हैं.
ये भी पढ़ें- कैसे बचेगी कमलनाथ सरकार,15 विधायक बगावत के लिये तैयार