KCR ने कांग्रेस पर साधा निशाना, बोले- वो दूसरे के हाथ की कठपुतली...

तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने एक रैली के दौरान कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा-हमने दलितों के मसीहा का राज्य की राजधानी में 125 फुट ऊंची प्रतिमा लगाई। जबकि कांग्रेस वो पार्टी ने है जिसने दलितों के मसीहा को पहले संसदीय चुनाव में शिकस्त दी. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 7, 2023, 09:58 PM IST
  • कांग्रेस पर साधा जमकर निशाना.
  • बोले-कांग्रेस दूसरे के हाथ की कठपुतली.
KCR ने कांग्रेस पर साधा निशाना, बोले- वो दूसरे के हाथ की कठपुतली...

हैदराबाद. तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि 1950 के दशक के संसदीय चुनावों में कांग्रेस पार्टी ने डॉ. बी आर आंबेडकर को हराया था. एक तरफ दलित नेता को चुनाव हराने वाली पार्टी है तो दूसरी तरफ राजधानी हैदराबाद में आंबेडकर की दुनिया की सबसे ऊंची 125 फुट की प्रतिमा स्थापित करने वाली भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस). इतना ही नहीं उनकी पार्टी ने अनुसूचित जाति के उत्थान के लिए दलित बंधु जैसी योजनाएं भी शुरू कीं.

केसीआर ने पार्टी उम्मीदवारों के लिए वोट मांगते हुए लोगों से कहा कि वे अपने मताधिकार का इस्तेमाल करते वक्त पार्टियों के कार्यों का मूल्यांकन जरूर करें. क्योंकि वोट अगले पांच वर्षों के भाग्य का फैसला करेगा. 

उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ''दलितों को (अन्य दलों द्वारा) वोट-बैंक के रूप में इस्तेमाल किया गया. बीआरएस सरकार अंतिम दलित परिवार को दलित बंधु का लाभ मिलने तक काम करेगी. 

केसीआर ने कहा-अंबेडकर को हराने वाली पार्टी कांग्रेस
आंबेडकर ने दलितों के लिए बहुत संघर्ष किया. यह कांग्रेस पार्टी ही थी जिसने पहले संसदीय चुनाव में बी.आर अंबेडकर को हराया. संसदीय चुनाव में आंबेडकर को किसने हराया, इसका इतिहास आपको जानना चाहिए. उसे जिस पार्टी ने हराया उसका मूल्यांकन जरूर करें. राव ने आरोप लगाया, ' यह अक्षम और बेकार कांग्रेस सरकार एससीसीएल कंपनी को चलाने में असमर्थ थी. इसने (तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने) केंद्र से ऋण लिया और चूंकि यह ऋण चुका नहीं सकी, इसलिए उसने 49 प्रतिशत हिस्सेदारी केंद्र को बेच दी. आप लोगों को पूछना चाहिए कि केंद्र को 49 प्रतिशत हिस्सेदारी किसने दी.'  

तेलंगाना में कांग्रेस नेताओं को 'कठपुतली' करार देते हुए राव ने कहा कि यह कांग्रेस पार्टी ही थी, जिसने यहां के लोगों की इच्छा के खिलाफ 1956 में तेलंगाना का विलय आंध्र प्रदेश के साथ कर दिया था. उन्होंने कहा कि तेलंगाना राज्य गठन से पहले 10 साल तक शासन करने वाली कांग्रेस पार्टी उचित पेयजल या सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध कराने में विफल रही. 

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