नई दिल्लीः हौसले की कुछ कहानियां ऐसी होती हैं, जो दूसरों को प्रेरणा देती हैं. सिखाती हैं कि मुश्किलें जिंदगी का हिस्सा हैं लेकिन इन मुसीबतों में इतनी ताकत नहीं कि वे आपके जुनून और सपनों को तोड़ सकें. एक ऐसी ही कहानी है कि केरल की ऐनी शिवा की, जिनकी संघर्ष की कहानी मिसाल है उन लोगों के लिए जो हालात से समझौता कर लेते हैं और हार मान जाते हैं. खासकर महिलाओं के लिए एनी एक उदाहरण बन चुकी हैं. आइए जानते हैं एनी की जिंदगी और उनके संघर्ष की कहानी... 


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पति ने छोड़ा और घरवालों ने अपनाने से किया इनकार
21 साल की होने से पहले ही केरल (Kerala) के तिरुवनंतपुरम के कांजीरामकुलम की रहने वाली ऐनी शिवा पति से अलग हो गई थीं. उस समय उनका आठ महीने का बच्‍चा भी था. उनके मां बाप ने उन्‍हें घर पर रखने से मना कर दिया था. इसके बाद वह अपनी दादी के घर पर जाकर रहीं. फिर अपना और अपने बेटे का पेट पालने के लिए एनी ने कई जगह काम किया.  


शिकंजी से लेकर इंश्योरेंस तक बेचा
उन्‍हें आजिविका चलाने के लिए हर तरह की जॉब भी कीं. उन्‍होंने घर-घर जाकर इंश्‍योरेंस बेचा, फिर शिकंजी बेची तो त्‍योहारों पर मेलों में आइसक्रीम भी बेची.



लेकिन उन्‍होंने अपने सपनों के रास्‍ते में किसी भी अड़चन को नहीं आने दिया. अब वह 31 साल की हैं और वरखला पुलिस स्‍टेशन की सब इंस्‍पेक्‍टर के तौर पर नई जिंदगी शुरू करने जा रही हैं.ऐनी ने शनिवार को पदभार संभाला. इसके बाद से ही उन्‍हें फिल्‍म स्‍टार शुभकानाएं दे रहे हैं. सोशल मीडिया तक में उन्‍हें इसके बधाई संदेश प्राप्‍त हो रहे हैं. 


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परिवार के खिलाफ जाकर की शादी
अपने ग्रेजुएशन के पहले साल में ही ऐनी ने माता-पिता के खिलाफ जाकर अपनी पसंद के लड़के से शादी कर ली थी. अपने पति से अलग होने के बाद दादी के साथ रहने के दौरान उन्‍होंने अपनी शिक्षा को लेकर कभी समझौता नहीं किया. सिंगल मदर होने के कारण ऐनी को बड़े शहरों में अपने और बच्‍चे के लिए किराये का मकान खोजने में भी दिक्‍कत हुई थी.


लड़कों की तरह रखे बाल ताकि...
एनी ने किसी भी तरह की परेशानी से बचने के लिए बॉयकट बाल रखना तय किया था. वह नहीं चाहती थीं कि उनकी ओर लोग ध्‍यान दें. इसके बाद उनके कई जानने वाले लोगों ने पुलिस जॉब के लिए अप्‍लाई करने को प्रेरित किया. इसके बाद उन्‍होंने सब इंस्‍पेक्‍टर की परीक्षा दी. रिश्‍तेदार ने परीक्षा की तैयारी के लिए ऐनी को कुछ रुपये भी उधार दिए थे. 2016 में ऐनी पुलिस अफसर बनी थीं. तीन साल बाद उन्‍होंने सब इंस्‍पेक्‍टर की परीक्षा पास की. डेढ़ साल की ट्रेनिंग के बाद शनिवार को उन्‍होंने प्रोबेशनरी पुलिस सब इंस्‍पेक्‍टर का पदभार संभाला.


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ऐनी का कहना है कि उनके पिता का सपना था कि वह आईपीएस अफसर बनें. इसलिए उन्‍होंने काफी मेहनत करके पढ़ाई की. उनका कहना है, 'हम तब तक नहीं हारते, जब तक हम यह तय नहीं कर लेते कि हम हार गए.' ऐनी ने अपनी सफलता को लेकर फेसबुक पर भी लिखा है.


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