नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को जब उत्तर प्रदेश के दो जिलों के दौरे पर पहुंचे तो यहां उनके भाषण में एक खास शब्द कई बार इस्तेमाल हुआ. यह था डिफेंस कॉरिडोर. चित्रकूट में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास करते हुए प्रधानमंत्री ने ऐलान किया कि यह एक्सप्रेस-वे फरवरी 2018 में सरकार द्वारा घोषित उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे की सहमति के बिंदुओं को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देगा.
भाषण के इस महत्वपूर्ण बिंदु को ध्यान में लाते हुए यह सवाल आता है कि डिफेंस कॉरिडोर क्या है? चलिए तलाशते हैं इससे जुड़े खास सवालों के जवाब-
पहला सवाल, डिफेंस कॉरिडोर क्या है?
डिफेंस कॉरिडोर सरकार एक महत्वाकाक्षी परियोजना है. खासतौर पर यह रक्षा क्षेत्र से जुड़ा मसला है. डिफेंस कॉरिडोर एक रूट होता है, जिसमें कई शहर शामिल होते हैं. इन शहरों में सेना के काम आने वाले सामानों के निर्माण के लिए इंडस्ट्री-उद्योग विकसित किया जाता है. कई कंपनियां इस परियोजना का हिस्सा बनती हैं. कॉरिडोर के बनने के लिए व इसके संचालन के लिए पब्लिक सेक्टर, प्राइवेट सेक्टर और एमएसएमई कंपनियां हिस्सा लेंगी.
इस कॉरिडोर में वह सभी औद्योगिक संस्थान भी शामिल होते हैं जो कि सेना के सामानों का निर्माण करते हैं. कॉरिडोर बनने के बाद यहां हथियारों से लेकर वर्दी तक के सामानों का निर्माण किया जाएगा.
दिव्यांगों के बीच क्या बोले प्रधानमंत्री, जानिए भाषण की खास बातें
कब सामने आई डिफेंस कॉरिडोर की बात?
अपने भाषण में पीएम मोदी ने इस सवाल का जवाब भी दिया है उन्होंने बताया है कि डिफेंस कॉरिडोर फरवरी-2018 में घोषित है. दरअसल साल 2018 में जब केंद्र सरकार अपना बजट पेश कर रही थी तो उस दौरान इस कॉरिडोर के बनाए जाने की बात कही गई थी. बजट के दौरान देश में दो डिफेंस कॉरिडोर बनाए जाने की बात कही गई थी.
इसमें एक कॉरिडोर उत्तर प्रदेश में बनाया जाना है, और दूसरा कॉरिडोर चेन्नई से बेंगलुरू के बीच बनाया जाना है. उत्तर प्रदेश के डिफेंस कॉरोडिर की औपचारिक घोषणा की जा चुकी है.
चित्रकूटः आजादी के बाद पहली बार बुंदेलखंड पहुंचेगा विकास, वो भी एक्सप्रेस स्पीड से
उत्तर प्रदेश में कहां बनेगा कॉरिडोर?
उत्तर प्रदेश में यह कॉरिडोर अलीगढ़, आगरा, झांसी, चित्रकूट, कानपुर व लखनऊ में बनाया जाएगा. खास बात है कि इसका सबसे बड़ा हिस्सा झांसी में स्थापित होगा. कॉरिडोर के साठ फीसदी हिस्से की स्थापना झांसी में होगी. इसकी सबसे बड़ी वजह जमीन की आसानी से उपलब्धता व सस्ता होना है. उत्तर प्रदेश विकास प्राधिकरण की ओर से जमीन खरीदने का काम भी किया जा रहा है.
डिफेंस कॉरिडोर में रक्षा उत्पाद गोला, बारूद, तोप बंदूक आदि का निर्माण होगा. कई विदेशी कंपनियां अपनी इकाई लगाएंगी. रक्षा उपकरण बनाने के बाद यहां उनका परीक्षण भी किया जाएगा. इसके लिए अलग से फील्ड फायरिंग रेंज स्थापित होगी. इससे क्षेत्र में रोजगार के असीम अवसर बढ़ने की संभावना है. वहीं पूर्वांचल और बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे से भी इस क्षेत्र को काफी फायदा मिलेगा.