नई दिल्ली: Uddhav Thackeray and Nirmala Sitharaman: देश में अंतरिम बजट पेश हो गया है. हमेशा की तरह सत्ता पक्ष ने बजट की सरहाना की, जबकि विपक्ष ने इसकी आलोचना की. लेकिन जब-जब बजट आता है और नेताओं के रिएक्शन आने शुरू होते हैं, तो महाराष्ट्र के पूर्व CM उद्धव ठाकरे का एक किस्सा याद आ जाता है. यह 2020 का किस्सा है, जब निर्मला सीतारमण और उद्धव ठाकरे एक ही मंच पर थे. यहां पर उद्धव ठाकरे ने बजट से जुड़ी ऐसी-ऐसी बाते कहीं कि सामने बैठे लोग खूब ठहाके लगाकर हंसे.
निर्मला सीतारमण और उद्धव एक स्टेज पर थे
28 फरवरी, 2020 को महाराष्ट में इंडियन बिज़नेस लीडर्स अवॉर्ड्स का फंक्शन चल रहा था. इसमें महाराष्ट्र को स्टेट ऑफ द ईयर चुना गया. इस दौरान राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद थे. बता दें कि उद्धव की पार्टी शिवसेना उस समय तक NDA से अलग हो चुकी थी. उद्धव ठाकरे NCP और कांग्रेस के समर्थन से CM बन चुके थे. अवॉर्ड् फंक्शन की समाप्ति के दौरान उद्धव और निर्मला सीतारमण को स्टेज पर एक साथ बुलाया गया. उद्धव को बोलने के लिए माइक दिया गया.
उद्धव- पहले मैं बजट वगैरह नहीं जानता था
उद्धव ने बजट और फाइनेंस पर अपनी बात रखना शुरू की. उद्धव ने कहा- 'निर्मला जी, मैं सच कहता हूं. पहले मैं ये बजट वगैरह कुछ जानता ही नहीं था, क्योंकि ये मेरा सब्जेक्ट नहीं था. कुछ साल पहले समझने की कोशिश, लेकिन जब तक बात समझ आती, तब तक नया बजट आ जाता था. लेकिन अब मैं एक पार्टी चीफ हूं. मुझे बजट आते ही रिएक्शन भी देना पड़ता था. मैंने सोचा कि एक दिन पहले ही रिएक्शन दे दो. कह दो कि ये अमीरों को अमीर और गरीबों को गरीब करने वाला बजट है. मिडल क्लास को कुछ नहीं मिलने वाला. जीडीपी भी गिरने वाली है.' इस दौरान सामने बैठे उद्योगपति अनिल अंबानी से लेकर फिल्म डायरेक्टर करण जौहर भी हंस पड़े.
उद्धव- पहले बजट दूं या रिएक्शन
उद्धव यहीं नही रुके, उन्होंने आगे भी लोटपोट करने वाली बातें कहीं. उद्धव ने कहा, 'लेकिन अब मैं ऐसा नहीं बोल सकता, अब तो यही काम मुझे भी करना पड़ रहा है. मैं ये भी जानता हूं कि जब स्टेट का बजट आएगा, तो यही सब रिएक्शन आएंगे. मेरे लिए मुश्किल रहेगी कि पहले बजट दे दूं या रिएक्शन.' इस पर निर्मला सीतारमण भी अपनी हंसी नहीं रोक पाईं और मंद-मंद मुस्कुरा दीं.'
सफल वित्त मंत्री की परिभाषा बताई
उद्धव ने एक सफल वित्त मंत्री की परिभाषा भी बताई. उद्धव ने कहा, 'जब बजट आता है तो लोग इसे गौर से देखते हैं. अपनी जेब टटोलते हैं, क्योंकि जेब तो कटने ही वाली होती है. लेकिन एक सफल फाइनेंस मिनिस्टर वही है, जो जिसकी जेब काटता है, उसे ही पता नहीं चलने देता है कि जेब कट गई है.' इस पर निर्मला सीतारमण ने भी मजाकिया अंदाज में उद्धव से पूछ ही लिया कि आप बताइए कि आप सफल हैं क्या? इसके बाद हॉल में एक बार फिर ठहाका गूंज उठा.
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