Rape Cases: भारत में हर 20 मिनट में एक महिला से रेप, किस राज्य में होती है सबसे ज्यादा दरिंदगी?

Crime Against Women In India: भारत में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में कोई कमी नहीं आई है. आंकड़ों के मुताबिक साल 2012 से पहले हर साल औसतन 25 हजार रेप के मामले दर्ज किए जाते थे, लेकिन इसके बाद ये आंकड़ा 30 हजार से भी उपर पहुंच गया. 

Written by - Shruti Kaul | Last Updated : Aug 24, 2024, 11:30 AM IST
  • महिलाओं के खिलाफ बढ़ा अपराध
  • सख्त कानून के बाद भी सुधार नहीं
Rape Cases: भारत में हर 20 मिनट में एक महिला से रेप, किस राज्य में होती है सबसे ज्यादा दरिंदगी?

 नई दिल्ली: Crime Against Women In India: कोलकाता में रेजिडेंट डॉक्टर के साथ हुए रेप और हत्या का मामला इन दिनों काफी चर्चा में है. देशभर में इसको लेकर प्रदर्शन भी किया जा रहा है. आरोपी को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की जा रही है. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर रेप के मामलों में कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान करनी की मांग रखी है. बता दें कि भारत में हर 20 मिनट में 1 महिला का रेप होता है, यानी हर 3 घंटे में महिलाएं इसका शिकार होती हैं.  नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ( (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक भारत में सालभर में 4 लाख से ज्यादा महिलाओं के खिलाफ अपराध दर्ज किए जाते हैं. इनमें किडनैपिंग, छेड़छाड़, ट्रैफिकिंग, दहेज हत्या और एसिड अटैक जैसे अपराध शामिल हैं. 

रेप को लेकर कानून 
भारत में रेप के मामलों में 96 प्रतिशत से ज्यादा आरोपी महिला को जानने वाले होते हैं. 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में चलती बस में युवती के साथ गैंगरेप किया गया था, जिसके बाद युवती की मौत हो गई थी. इस कांड ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. निर्भया कांड के बाद कानून को बेहद सख्त कर दिया गया था. इससे पहले असहमति या जबरदस्ती से बनाए गए संबंधों को ही रेप के दायरे में रखा जाता था, लेकिन साल 2013 में इस कानून में संशोधन कर इसके दायरे को बढ़ाया गया. इतना ही नहीं जुवेनाइल कानून में भी संशोधन किया गया. इसके तहत 16 और 18 साल से कम उम्र का कोई किशोर जघन्य अपराध करता है तो उसके साथ भी व्यसक की तरह ही बर्ताव किया जाएगा. 

महिलाओं के खिलाफ अपराध 
कानून में संशोधन के बावजूद महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में कोई कमी नहीं आई है. आंकड़ों के मुताबिक साल 2012 से पहले हर साल औसतन 25 हजार रेप के मामले दर्ज किए जाते थे, लेकिन इसके बाद ये आंकड़ा 30 हजार से भी उपर पहुंच गया. साल 2013 में रेप के 33 हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए गए थे. वहीं साल 2016 में ये आंकड़ा लगभग 39 हजार के करीब पहुंच गया था. NCRB की साल 2021 की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में रेप के सबसे ज्यादा मामले दर्ज होते हैं. 

अपराध के मामले 
महिलाओं के खिलाफ अपराध के आंकड़े भी बेहद डरावने हैं. साल 2012 में महिलाओं के खिलाफ हुए अपराध के  2.44 लाख मामले दर्ज हुए थे.  साल 2022 में ये बढ़कर 4.45 लाख से ज्यादा हो गए. यानी, रोजाना 1,200 से अधिक मामले. NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2012 में रेप के 24,923 मामले दर्ज हुए थे. यानी रोजाना औसतन 68 मामले. साल 2022 में इसके 31,516 मामले दर्ज हुए थे. यानी, प्रदिदिन 86 मामले. इसके मुताबिक भारत में हर 3 घंटे और हर 20 मिनट में 1 महिला रेप का शिकार हुई है. आंकड़ों के मुताबिक रेप करने वाले में 96 प्रतिशत अपराधी पीड़िता की जान पहचान वाले ही होते हैं.  

रेप के मामलों में सजा
NCRB के आंकड़ों के मुताबिक देश में रेप जैसे जघन्य अपराध के मामलों में सजा मिलने की दर 27-28 फीसदी है. यानी, 100 रेप के मामलों में से 27 मामले में ही आरोपी दोषी सिद्ध हो पाता है, बाकी ममालों में आरोपी को बरी कर दिया जाता है. रिपोर्ट के मुताबिक देशभर की अदालतों में साल 2022 के आखिर तक रेप के तकरीबन 2 लाख मामले लंबित पड़े थे. इनमें से सिर्फ साढ़े 18 हजार मामलें में ही ट्रायल पूरा हो पाया था. उनमें से करीब 5000 मामलों में ही दोषी को सजा मिली थी, जबकि 12,000 से ज्यादा मामलों में आरोपी बरी हो गया था.  

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.  

ट्रेंडिंग न्यूज़