नई दिल्ली. अयोध्या में इस बार की राम नवमी बेहद खास होने जा रही है. राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब अयोध्या में इस बार की राम नवमी के दिन भगवान राम का 'सूर्य तिलक' होगा. बताया जा रहा है कि 75 मिमी का गोलाकार सूर्य अभिषेक होगा. दोपहर 12 बजे सूर्य किरणें रामलला के मस्तक पर पड़ेंगी. निरंतर चार मिनट तक किरणें रामलला के मुख मंडल को दैदीप्तिमान करेंगी.
सूर्यतिलक सुनिश्चित करेंगे वैज्ञानिक
इस मौके पर श्री रामलला के माथे पर सूर्य के किरण का तिलक लगाने के लिए रविवार को रातभर वैज्ञानिकों का एक दल जुटा रहा. उपकरणों के सहारे रात भर नाप-जोख होती रही. पूर्व घोषणा के अनुसार हो रही तैयारी में ऑप्टोमैकेनिकल सिस्टम के लिए उपकरण लगाए जा रहे हैं. रविवार की रात रामलला को शयन कराने के बाद उनके माथे का सटीक स्थान सुनिश्चित करने के लिए स्टिकर लगाकर तब श्रीविग्रह को चादर उढ़ाया गया, जिससे वैज्ञानिक दल अपना उपकरण लगाने के लिए सटीक नाप-जोख कर सकें.
ये है तैयारी
मुख्य रूप से रुड़की सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च संस्थान के वैज्ञानिकों का दल इस काम में लगा है. मंदिर के भूतल पर दो मिरर और एक लेंस लगाया जा चुका है. सूर्य की रोशनी तीसरे तल पर लगे दर्पण से तीन लेंस 2 दर्पणों से होते हुए भूतल पर लगाए गए आखिरी दर्पण पर पड़ेगी. इससे परावर्तित होने वाली किरणों से मस्तक पर तिलक बनेगा.
देश के पूर्व मुख्य सचिव और मंदिर निर्माण समित के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा के मुताबिक रामलला का सूर्य तिलक करने की तैयारी संपूर्ण परिश्रम से हो रही है. हो सकता है राम नवमी पर वैज्ञानिकों का प्रयास फलीभूत हो जाए. करीब 100 एलईडी स्क्रीन के माध्यम से इसका सीधा प्रसारण किया जाएगा. उन्होंने श्रद्धालुओं से निवेदन किया है कि भीड़ की परेशानियों से बचने के लिए अपने स्थान पर ही नवमी का पूजन, दर्शन करें.
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