इंदौर में बरामद रेमडेसिविर इंजेक्शनों में से 85 प्रतिशत नकली, नमक और ग्लूकोज से किया गया था निर्माण

कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रकोप के बीच यहां पिछले एक महीने में बरामद किये गए रेमडेसिविर इंजेक्शनों में से 85 प्रतिशत के नकली होने का संदेह है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 19, 2021, 08:44 PM IST
  • रेमडेसेविर की कालाबाजारी के आरोप में 57 लोगों को किया गया है गिरफ्तार.
  • संभवतः नमक और ग्लूकोज से बनाए गए थे रेमडेसिविर इन्जेक्शन्स.
इंदौर में बरामद रेमडेसिविर इंजेक्शनों में से 85 प्रतिशत नकली, नमक और ग्लूकोज से किया गया था निर्माण

इंदौर: कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रकोप के बीच यहां पिछले एक महीने में बरामद किये गए रेमडेसिविर इंजेक्शनों में से 85 प्रतिशत के नकली होने का संदेह है. पड़ोसी गुजरात के एक अंतरप्रांतीय गिरोह ने महामारी के मरीजों की जान से खिलवाड़ करते हुए इन्हें संभवतः नमक और ग्लूकोज से बनाया था.

पुलिस के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी. अपराध निरोधक शाखा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) गुरुप्रसाद पराशर ने "पीटीआई-भाषा" को बताया, "हमने महीने भर के दौरान 21 मामलों में 57 आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए उनके कब्जे से रेमडेसिविर के कुल 473 इंजेक्शन बरामद किए हैं. हालांकि, इनमें से करीब 400 इंजेक्शनों के नकली होने का संदेह है जिन्हें गुजरात के अंतरप्रांतीय गिरोह ने संभवतः नमक और ग्लूकोज से बनाया था."

उन्होंने बताया, "हमने रेमडेसिविर के संदिग्ध इंजेक्शनों की शीशियों के पदार्थ के नमूने लेकर इन्हें औषधि विभाग की भोपाल स्थित प्रयोगशाला भेजा है. इनकी जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है." पराशर ने संबंधित दवा कम्पनी का नाम जाहिर किए बगैर बताया कि संदिग्ध इंजेक्शनों के पैकेट पर जिस कम्पनी का मार्का लगा है, वह कम्पनी रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाती ही नहीं है.

उन्होंने यह भी बताया कि रेमडेसिविर के असली और संदिग्ध, दोनों तरह के इंजेक्शनों की अवैध खरीद-फरोख्त में गिरफ्तार 57 में से 32 आरोपियों को कड़े प्रावधानों वाले राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत जेल भेज दिया गया, जबकि आठ अन्य लोगों पर एनएसए की कार्रवाई प्रस्तावित है. इस बीच, पुलिस अधीक्षक (पूर्वी क्षेत्र) आशुतोष बागरी ने विशिष्ट ब्योरा दिया कि गुजरात के अंतरप्रांतीय गिरोह के तैयार नकली रेमडेसिविर इंजेक्शनों की अवैध खरीद-फरोख्त को लेकर इंदौर में अब तक 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

पुलिस अधीक्षक के मुताबिक शहर में विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के गिरफ्तार छह अन्य लोगों की इस मामले में भूमिका की जांच की जा रही है. बागरी ने बताया कि रेमडेसिविर के नकली इंजेक्शन लगाए जाने के बाद इंदौर के कम से कम तीन मरीजों की मौत की शिकायत उनके परिजनों ने की है.

पुलिस के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि गुजरात के गिरोह से जुड़े सुनील मिश्रा के खिलाफ पुलिस को पहले ही सुराग मिल चुके हैं कि वह इंदौर, जबलपुर और मध्य प्रदेश के अन्य जिलों में रेमडेसिविर के कम से कम 1,200 नकली इंजेक्शन कथित तौर पर खपा चुका है. उन्होंने बताया कि इंदौर निवासी मिश्रा को गुजरात पुलिस ने अन्य आरोपियों के साथ इस महीने की शुरुआत में गिरफ्तार किया था. 

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