नई दिल्ली: Maratha Reservation: मुंबई में मराठा आरक्षण के मुद्दे पर हो रही सर्वदलीय बैठक खत्म हो गई है. मराठा समुदाय को आरक्षण मिलने के मुद्दे पर सभी दल एकमत हैं. सभी दलों ने सरकार को कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सही कदम उठाने की सलाह दी है. बैठक में सभी नेताओं से पेपर पर भी साइन लिए गए हैं, जिसमें लिखा है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बनी रहे. परामर्श देने के लिए एक विशेष समिति का भी गठन होगा.
मीटिंग में क्या हुआ
सर्वदलीय बैठक में फैसला लिया गया कि कानूनी मापदंड़ो को पूरा करने के बाद स्थायी आरक्षण दिया जा सकता है. सभी नेताओं ने मनोज जारांगे पाटिल से अनशन वापस लेने और सहयोग करने का अनुरोध किया है. नेताओं ने राज्य के वर्तमान हालात पर चर्चा करते हुए कहा हिंसा की घटनाएं मराठा आंदोलन की बदनामी कर रही हैं. सभी नेताओं ने अपील की है कि प्रदेश में कोई कानून को हाथ में न ले.
मुख्यमंत्री क्या बोले?
सर्वदलीय बैठक के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि सभी दल मराठा समुदाय को आरक्षण देने कि बात पर एकमत हैं. कानूनी पहलों को देखने के बाद आरक्षण दिया जाएगा. एक विशेषज्ञ समिति का गठन होगा, जो राज्य सरकार को परामर्श देगी. विशेषज्ञ समिति में तीन रिटायर्ड जज होंगे.
जारांगे का अल्टीमेटम
मराठा आंदोलन के नेता मनोज जारांगे अनशन पर हैं. उन्होंने सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि आंदोलन बंद नहीं होगा. आज (बुधवार) शाम तक निर्णय नहीं लिया गया तो मैं पानी भी त्याग दूंगा. मराठा समुदाय अधूरा आरक्षण बिलकुल स्वीकार नहीं करेगा.
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