नई दिल्ली. संदेशखाली मामले को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आरोपों के घेरे में हैं. संदेशखाली में महिलाओं और स्थानीय लोगों के द्वारा लगातार प्रदर्शन जारी है. महिलाओं के द्वारा लगातार कहा जा रहा है कि संदेशखाली में तृणमूल का ऑफिस ही शोषण का केंद्र था. महिलाएं टीएमसी नेता शाहजहां शेख के अलावा शिबू हजारा और उत्तम सरकार पर यौन शोषण और साथ ही जमीन पर अवैध कब्जे का इल्जाम लगा रही हैं.
आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर प्रदर्शन
प्रदर्शनकारी प्रशासन से आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं. महिलाओं ने मीडिया को बताया कि शाहजहां शेख के लोगों ने न सिर्फ उनके साथ अत्याचार किया, बल्कि उनके मछली पालन वाली जमीन भी कब्जा ली थी. यह भी आरोप लगाए जा रहे हैं कि शाहजहां शेख, शिबू हजारा और उत्तम सरकार के लोग नाबालिग बच्चों को नहीं छोड़ते थे. बच्चों को शराब के साथ हथियार थमा देते थे.
बचाव की मुद्रा में ममता! बीजेपी पर लगाए आरोप
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की तरफ से वहां के हालात की रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपी गई और पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की गई तो ममता बनर्जी इस पूरे मामले में बचाव की मुद्रा में आ गईं. दूसरी तरफ ममता बनर्जी इस मामले में विपक्ष पर ही हमलावर हो गईं और कहा कि बंगाल में अराजकता फैलाने की कोशिश हो रही है, लेकिन हम अराजकता नहीं फैलने देंगे.
केंद्र को ममता ने निशाने पर लिया
ममता ने कहा है कि अगर किसी के साथ दुर्व्यवहार होता है, तो हमारी सरकार कार्रवाई करती है. सीएम ममता ने केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि पहले उन्होंने अपने दोस्त ईडी को वहां भेजा, फिर ईडी के साथ बीजेपी की एंट्री हुई और फिर कुछ मीडिया भी घुस गई. वहां अशांति फैलाई जा रही है.
अमित मालवीय ने पूछे सवाल
ममता के बयान पर बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर लिखा-संदेशखाली पर जवाब देने के लिए पश्चिम बंगाल के डीजीपी पर ममता बनर्जी दबाव क्यों डाल रही हैं ? क्या पश्चिम बंगाल एक पुलिस राज्य है या अब उसका नियंत्रण नहीं रहा?
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