जलपाईगुड़ी. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को दावा किया कि केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार छह महीने और चलेगी तथा अगले साल फरवरी-मार्च में देश में लोकसभा चुनाव होंगे. बनर्जी ने आठ जुलाई को होने वाले पंचायत चुनाव के लिए जलपाईगुड़ी में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को निष्पक्ष तरीके से काम करना चाहिए क्योंकि ‘हो सकता है कि कल भाजपा सत्ता में नहीं रहे’. उन्होंने दावा किया, ‘अगले लोकसभा चुनाव 2024 में फरवरी-मार्च में होंगे. भाजपा सरकार का कार्यकाल केवल छह महीने का है. हार को भांप कर,यह विभिन्न समूहों और समुदायों का समर्थन जुटाने की कोशिश कर रही है.’
पिछला लोकसभा चुनाव अप्रैल-मई 2019 में हुआ था, जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 30 मई 2019 को अपने दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ ग्रहण किया था. अल्पसंख्यक समुदाय से संपर्क साधने को लेकर भाजपा पर तंज करते हुए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ने कहा कि अल्पसंख्यकों और दलितों की पीट-पीटकर हत्या करने के आरोपी अब उनके (अल्पसंख्यकों के) साथ तस्वीरें साझा कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘वे अब मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ तस्वीरें साझा कर रहे हैं, ताकि यह प्रदर्शित कर सकें कि उन्हें इनकी कितनी परवाह है. वे मुस्लिम, जो कारोबारी अधिक हैं और गरीबों एवं वंचित लोगों के बारे में नहीं सोचते, उनका भाजपा इस्तेमाल कर रही है.’ बनर्जी ने रैली में, सीमावर्ती क्षेत्रों में कथित रूप से बीएसएफ की गोलीबारी में मारे गये लोगों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये का मुआवजा देने और नौकरी देने की घोषणा की.
क्या बोलीं ममता बनर्जी
उन्होंने कहा, ‘मैं सभी बीएसएफ अधिकारियों पर आरोप नहीं लगा रही. वे हमारी सीमाओं की सुरक्षा करते हैं. लेकिन बीएसएफ को निष्पक्षता से काम करना चाहिए क्योंकि हो सकता है कल भाजपा सत्ता में नहीं रहे, पर उन्हें तो अपना काम करते रहना है.’ उन्होंने पिछले साल बीएसएफ की कथित गोलीबारी में ग्रामीणों के मारे जाने का जिक्र करते हुए कहा, ‘उन्हें अत्याचार नहीं करना चाहिए. बीएसएफ की गोलीबारी में मारे गये लोगों के परिजनों को होम गार्ड की नौकरी और दो-दो लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी. यह कोई नया फैसला नहीं है, बल्कि नियम रहा है.’
एक दिन पहले बीएसएफ पर लगाए थे आरोप
उल्लेखनीय है कि बीएसएफ ने मारे गये लोगों के तस्कर होने का दावा किया था. ममता ने सोमवार को बीएसएफ पर सीमावर्ती क्षेत्रों में भाजपा के इशारे पर मतदाताओं को डराने-धमकाने का आरोप लगाया था जिस पर केंद्रीय बल ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे ‘सच से कोसों दूर’ बताया था. उन्होंने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और कांग्रेस की भूमिका की आलोचना करते हुए कहा कि केंद्र में भाजपा के खिलाफ एक महागठबंधन बनाने की उनकी कोशिशों के बावजूद, इनकी (माकपा और कांग्रेस की) गतिविधियां राज्य में भाजपा को मजबूत कर रही हैं.
'भाजपा-माकपा-कांग्रेस एक साथ काम कर रहे'
टीएमसी प्रमुख ने कहा, ‘हम उनके (माकपा और कांग्रेस के) साथ अखिल भारतीय स्तर पर गठबंधन में शामिल हो सकते हैं, लेकिन बंगाल में, भाजपा-माकपा-कांग्रेस एक साथ काम कर रही हैं. इन्हें राज्य में शिकस्त मिलेगी.’ पश्चिम बंगाल में आठ जुलाई को पंचायत चुनाव के लिए मतदान होगा. करीब 5.67 करोड़ मतदाताओं के अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने की संभावना है. इन चुनावों के जरिये जिला परिषदों, पंचायत समितियों और ग्राम पंचायतों के लिए करीब 75,000 उम्मीदवारों को चुना जाएगा.
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