नई दिल्ली: यूपी में पहली बार पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. ये सिस्टम यूपी के दो शहरों लखनऊ और गौतमबुद्ध नगर में आज से लागू भी कर दिया गया है .योगी सरकार के इस फैसले पर मायावती ने सवाल खड़ा किया है.
मायावती का योगी पर निशाना
बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीट करके कहा है कि 'उत्तर प्रदेश में केवल कुछ जगह पुलिस व्यवस्था बदलने से नहीं बल्कि आपराधिक तत्वों के विरुद्ध दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सख़्त कानूनी कार्रवाई करने से ही प्रदेश की बदहाल कानून-व्यवस्था में सही सुधार आ सकता है जिसकी तरफ सरकार को जरुर ध्यान देना चाहिये.'
उत्तर प्रदेश में केवल कुछ जगह पुलिस व्यवस्था बदलने से नहीं बल्कि आपराधिक तत्वों के विरुद्ध दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सख़्त कानूनी कार्रवाई करने से ही प्रदेश की बदहाल कानून-व्यवस्था में सही सुधार आ सकता है जिसकी तरफ सरकार को जरुर ध्यान देना चाहिये।
— Mayawati (@Mayawati) January 13, 2020
आपको बता दें इस सिस्टम के तहत एक कमिश्नर, 2 ज्वाइंट कमिश्नर और 9 SP होंगे. अब आपको समझाते हैं कि उत्तर प्रदेश में पुलिस कमिश्नर की क्यों आवश्यकता थी.
क्यों जरुरत थी पुलिस कमिश्नर की?
- लखनऊ और नोएडा यूपी के दो बड़े और महत्वपूर्ण जिले
- लखनऊ और नोएडा में क्राइम की घटनाओं पर लगाम लगेगा
- लखनऊ राज्य की राजधानी और नोएडा राज्य की आर्थिक राजधानी
- पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होने से पुलिस के अधिकार बढ़ेंगे
- पुलिस को जल्द कार्रवाई करने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा
- पुलिस और प्रशासनिक अधिकार अब पुलिस के पास ही होंगे
- केसों का निपटारा जल्द से जल्द हो पाएगा
- सुरक्षा, कानून-व्यवस्था के लिए जमीनी स्तर पर तुरंत काम होगा
यहां आपका ये भी जानना जरूरी हो जाता है कि पुलिस कमिश्नर के पास क्या-क्या अधिकार होता है.
पुलिस कमिश्नर के पास क्या-क्या अधिकार?
- धारा 144 लगाने का अधिकार
- लाइसेंस देने का अधिकार
- धरना-प्रदर्शन करने की इजाजत देना
- चुनावी रैली निकालने की इजाजत देना
- IPC, CRPC के कई अधिकार मिलेंगे
- जिले में तैनात अधिकारियों के कार्यक्षेत्र तय करना
उत्तर प्रदेश में इस सिस्टम को मंजूरी मिलने के बाद राजनीतिक बयानबाजी का सिलसिला तेज हो गया है. इसमें सबसे पहले मायावती ने अपना नाम दर्ज करा दिया है.
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