मोदी कैबिनेट ने 14 फसलों पर बढ़ाई MSP, 'तीसरे कार्यकाल में किसानों पर फोकस'

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी का तीसरा कार्यकाल बहुत महत्वपूर्ण है. इसमें किसानों के कल्याण पर ध्यान केंद्रित किया गया है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 19, 2024, 10:01 PM IST
  • केंद्रीय कैबिनेट ने लिया फैसला.
  • महाराष्ट्र में बड़ी परियोजना मंजूर.
मोदी कैबिनेट ने 14 फसलों पर बढ़ाई MSP, 'तीसरे कार्यकाल में किसानों पर फोकस'

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में धान, रागी, बाजरा, ज्वार, मक्का और कपास सहित खरीफ की 14 फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को मंजूरी दी गई. कैबिनेट की बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया-आज की कैबिनेट में कुछ बहुत महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं. इसमें किसानों के कल्याण के लिए लिया गया निर्णय शामिल है. खरीफ सीजन के लिए कैबिनेट ने 14 फसलों पर MSP को मंजूरी दी है. धान के लिए नया एमएसपी 2,300 रुपये प्रति क्विंटल है, जो पिछले मूल्य से 117 रुपये अधिक है. कपास के लिए एमएसपी में 501 रुपये की वृद्धि की गई है.

वैष्णव ने कहा-कैबिनेट ने महाराष्ट्र में 76 हजार करोड़ रुपये की वधावन बंदरगाह परियोजना को भी मंजूरी दी है. प्रधानमंत्री मोदी का तीसरा कार्यकाल बहुत महत्वपूर्ण है. इसमें किसानों के कल्याण पर ध्यान केंद्रित किया गया है. 

क्या है वधावन बंदरगाह परियोजना
वधावन पोर्ट को महाराष्ट्र के पालघर जिले के वधावन में ग्रीनफील्ड डीप ड्राफ्ट मेजर पोर्ट के रूप में विकसित किया जाएगा, जो सभी मौसमों में संचालन योग्य होगा. भूमि अधिग्रहण घटक सहित कुल परियोजना लागत 76,220 करोड़ रुपये है. पीएम गति शक्ति कार्यक्रम के उद्देश्यों के साथ संरेखित यह परियोजना आर्थिक गतिविधि को बढ़ाएगी और इसमें लगभग 12 लाख व्यक्तियों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा करने की भी क्षमता होगी. इसमें सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड में प्रमुख अवसंरचना, टर्मिनल और अन्य वाणिज्यिक अवसंरचना का विकास शामिल होगा.

यह जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी (जेएनपीए) और महाराष्ट्र मैरीटाइम बोर्ड (एमएमबी) द्वारा गठित एक एसपीवी है. इसमें इनकी क्रमशः 74 प्रतिशत और 26 प्रतिशत की हिस्सेदारी है. मंत्रिमंडल ने सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा बंदरगाह और राष्ट्रीय राजमार्गों के बीच सड़क संपर्क स्थापित करने तथा रेल मंत्रालय द्वारा मौजूदा रेल नेटवर्क और आगामी समर्पित रेल फ्रेट कॉरिडोर के लिए रेल संपर्क स्थापित करने को भी मंजूरी दी. बंदरगाह में नौ कंटेनर टर्मिनल होंगे. इनमें से प्रत्येक 1,000 मीटर लंबा होगा.

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