कोकराझार में बोले मोदी, हमारी पहली और आखिरी प्राथमिकता विकास

21वीं सदी का भारत अब ये दृढ़ निश्चय कर चुका है कि हमें अब अतीत की समस्याओं से उलझकर नहीं रहना है. आज देश मुश्किल से मुश्किल चुनौतियों का समाधान चाहता है. बोडो टेरिटोरियल काउंसिल, असम सरकार और केंद्र सरकार, अब साथ मिलकर, सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास को नया आयाम देंगे.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 7, 2020, 05:30 PM IST
    • गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में 27 जनवरी को बोडो समझौते पर हस्ताक्षर किया गया था
    • समझौते के तहत क्षेत्र के विकास के लिए करीब 1500 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज रखा गया है
कोकराझार में बोले मोदी, हमारी पहली और आखिरी प्राथमिकता विकास

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को असम के कोकराझार पहुंचे थे. यहां वह CAA और बोडो शांति समझौते पर हस्ताक्षर के बाद पहली बार असम के दौरे पर पहुंचे थे. पीएम मोदी ने यहां कोकराझार में रैली की और भारत माता की जय के नारे लगवाए. उन्होंने राहुल गांधी के डंडे वाले बयान का जिक्र करते हुए कहा कि मोदी को इतनी बड़ी मात्रा में माताओं-बहनों का सुरक्षा कवच मिला हो उस पर कितने ही डंडे गिर जाएं, उसको कुछ नहीं होता, 

असम को किया आश्वस्त
मैं आज असम के हर साथी को ये आश्वस्त करने आया हूं कि असम विरोधी, देश विरोधी हर मानसिकता को, इसके समर्थकों को, देश न बर्दाश्त करेगा, न माफ करेगा. यही ताकतें हैं जो पूरी ताकत से असम और नॉर्थ-ईस्ट में भी अफवाहें फैला रही हैं कि CAA से यहां, बाहर के लोग आ जाएंगे, बाहर से लोग आकर बस जाएंगे. मैं असम के लोगों को आश्वस्त करता हूं कि ऐसा भी कुछ नहीं होगा. 

हमने नॉर्थ-ईस्ट के अलग-अलग क्षेत्रों के भावनात्मक पहलू को समझा, उनकी उम्मीदों को समझा, यहां रह रहे लोगों से बहुत अपनत्व के साथ, उन्हें अपना मानते हुए संवाद कायम किया. 

विकास ही पहली और आखिरी प्राथमिकताः मोदी
21वीं सदी का भारत अब ये दृढ़ निश्चय कर चुका है कि हमें अब अतीत की समस्याओं से उलझकर नहीं रहना है. आज देश मुश्किल से मुश्किल चुनौतियों का समाधान चाहता है. बोडो टेरिटोरियल काउंसिल, असम सरकार और केंद्र सरकार, अब साथ मिलकर, सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास को नया आयाम देंगे. इससे असम भी सशक्त होगा और एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना भी और मजबूत होगी.

अब केंद्र सरकार, असम सरकार और बोडो आंदोलन से जुड़े संगठनों ने जिस ऐतिहासिक सझजौते पर सहमति जताई है, जिस पर साइन किया है, उसके बाद अब कोई मांग नहीं बची है और अब विकास ही पहली प्राथमिकता है और आखिरी भी. 

महात्मा गांधी की अहिंसा का किया जिक्र
गांधी जी कहते थे कि अहिंसा के मार्ग पर चलकर हमें जो भी प्राप्त होता है वह सभी को स्वीकार होता है. अब असम में अनेक साथियों ने शांति और अहिंसा का मार्ग स्वीकार करने के साथ ही, लोकतंत्र और भारत के संविधान को स्वीकार किया है. आज का दिन असम सहित पूरे नॉर्थ-ईस्ट के लिए 21वीं सदी में एक नई शुरुआत, एक नए सवेरे का, नई प्रेरणा को स्वागत करने का है.

अब असम में अनेक साथियों ने शांति और अहिंसा का मार्ग स्वीकार करने के साथ ही, लोकतंत्र को स्वीकार किया है, भारत के संविधान को स्वीकार किया है. 

बोडो समझौते की खुशी में शामिल होने पहुंचे थे पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत के लिए कोकराझार तैयार था. पूरे शहर में मानो उत्सव का माहौल नजर आया. बीती रात असम का ये शहर लाखों दीये से ऐसे रौशन हुआ, मानो दीवाली आ गई हो. पीएम मोदी बोडो समझौते की खुशी में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने कोकराझार पहुंचे थे. पीएम के स्वागत में जगह-जगह बड़े बैनर लगाए गए हैं. असम के विभिन्य जनजाति समूहों के कलाकार पीएम के स्वागत में सांस्कृतिक कार्यक्रम की तैयारियों को अंतिम रूप देते नजर आए.

1615 उग्रवादियों ने डाले अपने हथियार
गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में 27 जनवरी को बोडो समझौते पर हस्ताक्षर किया गया था. समझौते के दो दिन के भीतर नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड के अलग-अलग गुटों के करीब 1615 उग्रवादी अपने हथियार डाल कर मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं.

समझौते के तहत क्षेत्र के विकास के लिए करीब 1500 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज रखा गया है. CAA बनने के बाद यह पहला दौरा था. 

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