मोहन भागवत ने गोरखपुर में किया ध्वजारोहण, हर नागरिक को बताया भारत का राजा

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उत्तर प्रदेश पूर्वी क्षेत्र की कार्यकर्ता बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे संघ प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को गणतंत्र दिवस के अवसर पर सरस्वती शिशु मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में झंडारोहण किया, उन्होंने पूरे देश वासियों को इसकी शुभकामनाएं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 26, 2020, 06:14 PM IST
    • मोहन भागवत ने गोरखपुर में किया ध्वजारोहण
    • देश का हर नागरिक राजा- भागवत
    • अनुशासन के दायरे में रहकर ही पूरा होगा क्रांतिकारियों का सपना
मोहन भागवत ने गोरखपुर में किया ध्वजारोहण, हर नागरिक को बताया भारत का राजा

लखनऊ: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उत्तर प्रदेश पूर्वी क्षेत्र की कार्यकर्ता बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे संघ प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को गणतंत्र दिवस के अवसर पर सरस्वती शिशु मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में झंडारोहण किया. मोहन भागवत ने कहा कि भारत के संविधान ने देश के हर नागरिक को राजा बनाया है. इस राजा के पास अधिकार हैं लेकिन अधिकारों के साथ सबके लिए अपने कर्तव्य और अनुशासन का भी पालन करना जरूरी है.

देश का हर नागरिक राजा- भागवत

मोहन भागवत ने कहा कि भारत के संविधान ने देश के हर नागरिक को राजा बनाया है. इस राजा के पास अधिकार हैं लेकिन अधिकारों के साथ सबके लिए अपने कर्तव्य और अनुशासन का भी पालन करना जरूरी है. उन्होंने कहा कि इस पहल से ही ऐसे भारत का निर्माण होगा, जो दुनिया और मानवता की भलाई को समर्पित होगा.

अनुशासन के दायरे में रहकर ही पूरा होगा क्रांतिकारियों का सपना

 

सरसंघचालक ने कहा कि भागवत ने कहा समृद्धि अहंकार के लिए नहीं बल्कि विश्व कल्याण के लिए होनी चाहिए। देश के संविधान ने सभी नागरिकों के अधिकार और कर्त्तव्य तय किये हैं। लेकिन यह अधिकार और कर्तव्य अनुशासन के दायरे में होंगे तभी देश के लिए बलिदान देने वाले क्रांतिकारियों का सपना पूरा हो सकेगा और उनके सपनों के भारत का निर्माण हो सकेगा.

रावण के पास भी ज्ञान था लेकिन मन शुद्ध नहीं था- भागवत

मोहन भागवत ने छात्रों और स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि ज्ञान तो रावण के पास भी था लेकिन मन मलिन था. शुद्धता रहेगी तो ज्ञान का प्रयोग विद्यादान, धन का सेवा और बल का दुर्बलों की रक्षा के लिए होगा. हरा रंग समृद्धि का प्रतीक है. हमारा देश त्याग में विश्वास करता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि यहां दारिद्र्य रहेगा. समृद्धि चाहिए लेकिन हमारी समृद्धि अहंकार के लिए नहीं दुनिया से दुख और दीनता खत्म करने के काम आएगी.

ये भी पढ़ें- गणतंत्र दिवस: हर बार अपने साफे की वजह से चर्चा में रहते हैं पीएम मोदी

ट्रेंडिंग न्यूज़