नयी दिल्ली: monkeypox-यूरोपीय देशों में मंकीपॉक्स के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. डब्ल्यूएचओ अलर्ट मोड पर आ गया है. अब भारत सरकार ने भी कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) को स्थिति पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया है. आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस संबंध में हवाई अड्डों और बंदरगाहों के स्वास्थ्य अधिकारियों को भी सतर्क रहने का निर्देश दिया है. एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘‘उन्हें निर्देश दिया गया है कि मंकीपॉक्स प्रभावित देशों की यात्रा कर लौटे किसी भी बीमार यात्री को अलग कर दिया जाए और नमूने जांच के लिए पुणे में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की बीएसएल-4 सुविधा वाली प्रयोगशाला को भेजे जाएं.’’
कहां-कहां फैला मंकीपॉक्स
यूरोप के कुल 9 देशों में मंकीपॉक्स ने जोरदार दस्तक दी है. बेल्जियम,जर्मनी, पॉर्चुगल, स्पेन, स्वीडन, फ्रांस, इटली, नीदरलैंड और ब्रिटेन में यह बीमारी पांव पसार रही है. इसके अलावा अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में भी मंकीपॉक्स एंट्री ले ली है. कुछ विशेषज्ञों की ओर से दावा किया जा रहा है कि ये बीमारी महामारी की ओर बढ़ रही है. इसलिए इसे महामारी घोषित किया जाए.
लक्षण
संक्रमित होने के पांच दिन के भीतर बुखार
तेज सिरदर्द, सूजन, पीठ दर्द, मांसपेशियों में दर्द और थकान
मंकीपॉक्स शुरुआत में चिकनपॉक्स, खसरा या चेचक जैसा दिखता है
बुखार होने के एक से तीन दिन बाद त्वचा पर इसका असर
हाथ-पैर और चेहरे पर छोटे-छोटे दाने निकल आते हैं
बाद में ये दाने अपने आप सूख कर गिर जाते हैं
बचाव और इलाज
स्मॉलपॉक्स का टीका मंकीपॉक्स पर भी कारगर है. वैक्सीन 80 फीसद तक कारगर बताई जा रही है. एक अच्छी बात और है जो मरीज बीमार हो रहे हैं, वह गंभीर नहीं हैं.
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