Uttarakhand Avalanche: एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल की बर्फ में दबकर मौत, माउंट मकालू पर भी की थी चढ़ाई

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में द्रौपदी का डांडा-2 चोटी पर हिमस्खलन में जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें विख्यात पर्वतारोही सविता कंसवाल भी शामिल हैं. सविता ने 15 दिन के भीतर माउंट एवरेस्ट और माउंट मकालू पर चढ़ाई करके नेशनल रिकॉर्ड बनाया था.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 5, 2022, 03:51 PM IST
  • अब तक बरामद किए गए हैं चार शव
  • सविता ने निम से ही लिया था प्रशिक्षण
Uttarakhand Avalanche: एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल की बर्फ में दबकर मौत, माउंट मकालू पर भी की थी चढ़ाई

नई दिल्लीः उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में द्रौपदी का डांडा-2 शिखर पर 17,000 फुट की ऊंचाई पर हुए भीषण हिमस्खलन में जान गंवाने वालों में मशहूर पर्वतारोही सविता कंसवाल भी शामिल हैं. कंसवाल ने 15 दिन के भीतर माउंट एवरेस्ट और माउंट मकालू पर चढ़ाई करके राष्ट्रीय रिकॉर्ड कायम किया था. 

अब तक बरामद किए गए चार शव
उत्तरकाशी स्थित नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) के प्राचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने बुधवार को सविता कंसवाल की मृत्यु की पुष्टि की. अभी तक बरामद किए गए चार शवों में उनका शव भी शामिल है. हिमस्खलन मंगलवार को उस समय हुआ जब पर्वतारोहियों के 41 सदस्यों का एक दल शिखर से वापस लौट रहा था.

नेहरू पर्वतारोहण संस्थान में प्रशिक्षक थीं सविता
कंसवाल निम में एक प्रशिक्षक के रूप में काम करती थीं और प्रशिक्षु पर्वतारोहियों के साथ द्रौपदी का डांडा-2 गई थीं. कंसवाल के निधन की खबर से उनके गांव लोंथरू में मातम छा गया है. 

सविता ने निम से ही लिया था प्रशिक्षण
कर्नल अमित बिष्ट ने कहा कि कंसवाल ने इस क्षेत्र में अपेक्षाकृत नई होने के बावजूद पर्वतारोहण की दुनिया में अपने लिए एक जगह बना ली थी. कंसवाल ने 2013 में निम से अपना ‘बेसिक, एडवांस, सर्च एंड रेस्क्यू’ और पर्वतारोहण प्रशिक्षक का पाठ्यक्रम किया था और 2018 से संस्थान में प्रशिक्षक के रूप में काम कर रही थीं. 

'सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षकों में से एक थीं सविता'
कर्नल बिष्ट ने कहा कि कंसवाल संस्थान के सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षकों में से एक थीं. राधेश्याम कंसवाल और कमलेश्वरी देवी के घर जन्मीं कंसवाल चार बहनों में सबसे छोटी थीं. कर्नल बिष्ट ने कहा कि विनम्र स्वभाव की कंसवाल महत्वाकांक्षी थीं और उनमें अपने सपनों को पूरा करने का साहस व जज्बा था.

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