Nagpur news: बॉलीवुड फिल्म 'दृश्यम' की याद दिलाने वाले एक खौफनाक अपराध में एक सेना के जवान को अपनी प्रेमिका की हत्या करने और उसके शव को दफनाने के बाद सीमेंट से ढकने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. अजय वानखेड़े (33 साल उम्र) और ज्योत्सना आकरे (32) की मुलाकात एक मैरिज पोर्टल के माध्यम से हुई थी और उनके रिश्ते में तब खटास आ गई जब अजय के परिवार ने उनके विवाह का विरोध किया और उसकी शादी दूसरी महिला से तय कर दी.
अजय वानखेड़े नागपुर के कैलाश नगर इलाके के निवासी हैं, जो नागालैंड में तैनात हैं. अधिकारियों का कहना है कि ज्योत्सना तलाकशुदा थी और पोर्टल के जरिए मिलने के बाद उनकी दोस्ती एक रोमांटिक रिश्ते में बदल गई.
हालांकि, अजय के परिवार ने उसकी शादी दूसरी महिला से करवा दी, जिसके बाद चीजें और भी खराब हो गईं.
अपराध में बदली कहानी
इसके बाद अजय ने ज्योत्सना को नजरअंदाज करना शुरू कर दिया. एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि उसने उससे छुटकारा पाने के लिए हत्या की योजना बनाई होगी.
जब अजय ने ज्योत्सना के कॉल का जवाब देना बंद कर दिया, तो उसने उसे ढूंढना शुरू कर दिया और उसके एक करीबी दोस्त से संपर्क किया, जिसने उसका ठिकाना बताया. पुलिस के अनुसार, दोस्त ने अजय को बताया कि ज्योत्सना उसे ढूंढ रही है.
अधिकारी ने बताया, 'स्थिति से चिंतित अजय ने अपनी मां के मोबाइल से ज्योत्सना को फोन किया और 28 अगस्त को वर्धा रोड पर उससे मिलने का कार्यक्रम तय किया.' ज्योत्सना ने अपने परिवार को बताया कि वह आज एक दोस्त के साथ दिन बिता रही है और अगले दिन काम के बाद घर लौटेगी. वह एक ऑटोमोबाइल शॉप में काम करती थी.
ऐसे की हत्या
अधिकारी ने बताया, 'अजय और ज्योत्सना वर्धा रोड इलाके में मिले और एक होटल में ठहरे. बाद में, वे होटल से निकलकर पास के एक टोल प्लाजा पर गए, जहां उसने उसे एक पेय पदार्थ दिया जिसमें नशीला पदार्थ मिलाया गया था.' ज्योत्सना के बेहोश हो जाने के बाद, अजय ने उसका गला घोंट दिया और फिर एक सुनसान इलाके में चला गया, जहां उसने रात में एक गड्ढा खोदा, उसके शव को ठिकाने लगाया और उसे सीमेंट से ढक दिया. पुलिस के अनुसार, बाद में उसने ज्योत्सना का मोबाइल फोन वर्धा रोड पर एक गुजरते ट्रक में फेंक दिया.
जब ज्योत्सना घर नहीं लौटी तो उसके परिवार ने 29 अगस्त को बेलतरोडी पुलिस में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. जांच शुरू हुई और 17 सितंबर को अपहरण का मामला दर्ज किया गया.
गिरफ्तारी से बचने के असफल प्रयास
पुलिस ने कॉल रिकॉर्ड के माध्यम से अजय का पता लगाया और उसे पूछताछ के लिए बुलाया. पुलिस ने बताया कि परेशानी को भांपते हुए वह पुणे के सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज में इलाज कराने लगा.
गिरफ्तारी से बचने के प्रयासों के बावजूद, अजय को तब पकड़ा गया जब उसकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी गई.
पुलिस अधिकारी ने कहा, 'यह मामला दृश्यम फिल्म से मिलता-जुलता है, जिसमें आरोपी ने हत्या की योजना बनाई और उसे अंजाम दिया.'
पूछताछ के दौरान अजय ने उस स्थान का खुलासा किया, जहां उसने शव को दफनाया था. पुलिस फोरेंसिक विशेषज्ञों के साथ घटनास्थल पर गई और सोमवार को नागपुर में वर्धा रोड पर डोंगरगांव टोल प्लाजा के पास शव के अंगों को निकाला.
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