Delhi Riots: ये हैं दिल्ली को दंगे की आग में जलाने वाले चार प्रमुख गुनहगार
दिल्ली मे दंगा फैलाने की साजिश का खुलासा हो गया है. इसके पीछे चार अहम खिलाड़ी हैं, जो कि दिल्ली में हिंसा की आग भड़का कर दूर से मजा ले रहे हैं. ये चारों इंसानियत के ऐसे दुश्मन हैं जो अपने फायदे के लिए किसी की जान से खेल सकते हैं. हिंदू हों या मुसलमान, इन दरिंदों के लिए ये सभी सिर्फ मोहरे हैं.
नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली जल रही है. लगभग 20 लोगों की मौत हो चुकी है और 200 से ज्यादा लोग घायल हैं. इसमें पुलिसकर्मी, मीडियाकर्मी, दुकानदार, हिंदू, मुसलमान सभी हैं. सबको बराबर नुकसान हुआ है. आपस में खून के प्यासे होकर लोग एक दूसरे पर पत्थर, तेजाब, लाठियों, बंदूकों से हमला कर रहे हैं.
यह सब एक योजनाबद्ध तरीके से भड़काया जा रहा है. जिसकी वजह से इंसान वहशी बन गया है. इस दरिंदगी के पीछे चार गुनहगार हैं--
1. गुनहगार नंबर एक- आईएसआई(ISI)
भारत के दिल में आग लगने से सबसे ज्यादा खुशी पाकिस्तान को हो रही है. इसके लिए वहां की बदनाम खुफिया एजेन्सी आईएसआई ने लंबी साजिश रची. जिसका खुलासा अब हो रहा है. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, 'सोशल मीडिया पर फर्जी वीडियो अपलोड किए गए हैं. पाकिस्तान से कई फेसबुक और ट्विटर अकाउंट चल रहे हैं. पाकिस्तान सरकार के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से भारत में मुसलमानों को भड़काने की कोशिश जा रही है.'
खुफिया विभाग ने दिल्ली पुलिस को अलर्ट किया था कि पाकिस्तान की बदनाम आईएसआई मेवात से मुस्लिम समुदाय के लोगों को दिल्ली लाकर हिंसा भड़काने की फिराक में है. पाकिस्तानी खुफिया विभाग के दिल्ली दंगों के पीछे होने की खबर आने के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल सक्रिय हुए.
दरअसल पाकिस्तान काफी समय से भारत में हिंसा भड़काने की साजिश रच रहा है. उसका मकसद है देश के अंदर मुसलमानों को भारत सरकार के खिलाफ इतना भड़का दिया जाए कि वह हिंसा पर उतारु हो जाएं.
पाकिस्तान भारतीय मुसलमानों को हथियार की तरह इस्तेमाल करता है. सब जानते हैं कि अगर किसी तरह का दंगा भड़कता है तो उसका नुकसान मुसलमानों को भी होगा. लेकिन पाकिस्तान को इसकी फिक्र नहीं है. उसके लिए भारत के मुसलमान सिर्फ मोहरे हैं. जिनका इस्तेमाल वह भारत को कमजोर करने के लिए कर रहा है.
हाल फिलहाल तक पाकिस्तान की ये साजिश सफल नहीं होती थी. लेकिन अब देश के कुछ लोग पाकिस्तान के बहकावे में आ गए हैं. लेकिन इसका खमियाजा पूरी कौम को भुगतना पड़ सकता है.
2. गुनहगार नंबर दो- कांग्रेस पार्टी
वैसे तो कांग्रेस पार्टी देश का एक प्रमुख राजनीतिक दल है. इसके नेता अहिंसा और महात्मा गांधी के संदेशों की दुहाई देते है. लेकिन वर्तमान कांग्रेस नेतृत्व ने 125 साल पुरानी इस पार्टी को अपने कब्जे में लेकर देश विरोध का हथियार बना लिया है. कांग्रेसी नेता लगातार ऐसी हरकतें कर रहे हैं, जिनकी वजह से देश में हिंसा और अफरातफरी का माहौल पैदा हो गया है. इसके सबूत भी मिलने लगे हैं.
कांग्रेस पार्टी के ओडिशा के संगठन ने दिल्ली में हिंसा भड़काने वाले तत्वों को हिंदू और मुसलमान में बांट दिया. कांग्रेस नेता दंगाइयों की प्लॉटिंग करके हिंसा की आग में घी डालने का काम किया. नीचे का ये फोटो इस बात का प्रत्यक्ष सबूत है कि कैसे कांग्रेस ने दिल्ली में हिंसा भड़काने की साजिश रची और हिंदुओं तथा मुसलमानों के बीच जहर घोला.
दिल्ली में दंगा भड़काने की कांग्रेसी साजिश की पूरी खबर आप यहां पढ़ सकते हैं.
3. गुनहगार नंबर तीन- पीएफआई(PFI)
केरल के इस अतिवादी संगठन ने देश को तोड़ना अपना मकसद बना लिया है. देश में जहां कहीं भी हिंसा और दंगा भड़कने का मामला सामने आता है, वहां पीएफआई की भूमिका सामने आ जाती है. दिल्ली में भी दंगे के दौरान इसकी भूमिका सामने आई है.
खुफिया विभाग ने दंगे के दौरान की गई फोन कॉल्स का विश्लेषण करके यह साफ कर दिया है कि पहले अलीगढ़ और फिर दिल्ली में दंगे की आग भड़काने के पीछे पीएफआई का हाथ है. खुफिया विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली और अलीगढ़ में हिंसा के समय और पैटर्न में काफी समानताएं हैं. रिपोर्ट के अनुसार, "दोनों स्थानों पर हिंसा की शुरुआत पत्थरबाजी से हुई. भीड़ बढ़ने के बाद हिंसा करने वालों, जिनमें ज्यादातर हथियारों से लैस थे, ने आगजनी करना और दुकानों को लूटना शुरू कर दिया."
दंगा भड़काने के लिए पैसे बांट रहा है पीएफआई(PFI)
प्रवर्तन निदेशालय(ED) ने ये पता लगा लिया है कि दंगाईयों को पीएफआई पैसे मुहैया करा रहा है. ED ने गृह मंत्रालय को एक रिपोर्ट भेजी थी. जिसमें कहा गया था कि पीएफआई ने अपने बैंक खाते से दंगों में लिप्त कई लोगों को रुपए भेजे.
प्रवर्तन निदेशालय ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ऐसे 73 बैंक खाते चिह्न्ति किए गए. ईडी की रिपोर्ट के अनुसार, प्रमुख लेन-देन पीएफआई के दिल्ली स्थित मुख्य खाते से हुए. जिससे साफ पता चलता है कि पीएफआई दिल्ली में दंगा भड़काने की साजिश में शामिल है.
4. गुनहगार नंबर चार- भीम आर्मी
पाकिस्तान, कांग्रेस और पीएफआई जैसे अतिवादी संगठनों ने देश के खिलाफ चल रही इस जंग में तथाकथित भीम आर्मी को अपना मोहरा बना लिया है. खुद को दलित संगठन कहने वाली भीम आर्मी के साथ दलितों का समर्थन कितना है ये नहीं कहा जा सकता. लेकिन यह जरुर स्पष्ट हो गया है कि जातिवाद के खिलाफ शुरु हुआ ये संगठन देश तोड़ने वाली ताकतों के हाथ का मोहरा बन चुका है.
कथित भीम आर्मी का प्रमुख चंद्रशेखर रावण चर्चा में रहने का इतना ज्यादा इच्छुक रहता है कि उसे अपने ही भले बुरे का ज्ञान नहीं है. जहां कहीं सरकार विरोधी आंदोलन होता है वहां पर भीम आर्मी कूद पड़ती है.
यूपी के खुफिया विभाग ने रविवार को खुलासा किया कि अलीगढ़ के अंबेडकर पार्क में विरोध प्रदर्शन करने वाले भीम आर्मी के पदाधिकारियों ने नगर मजिस्ट्रेट को एक ज्ञापन सौंपने के बाद पीएफआई के अतिवादियों से मुलाकात की. इसी दौरान एएमयू(AMU) के छात्रों के एक संगठन ने भी भीम आर्मी और पीएफआई नेताओं से मुलाकात की. रिपोर्ट में कहा गया कि भीम आर्मी की अगुआई में एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल शहर के बीच एक धार्मिक स्थान पर पहुंचा, जहां उन्होंने पोस्टर हटाने शुरू कर दिए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. इसके बाद वहां हिंसा भड़क गई.
भीम आर्मी के नेता जल्दी मशहूर होने के लालच में देश तोड़ने वालों के हाथ का खिलौना बन चुके है. हो सकता है इसके पीछे पैसों के लेनदेन का भी मामला हो. इस बारे में भी विस्तार से जांच होनी जरुरी है.
दरअसल चंद्रशेखर विक्टिम कार्ड खेलने में माहिर है. जैसे ही पुलिस उसपर सख्ती करती है, वह तरह तरह की नौटंकी करके खुद को पीड़ित साबित करने लगता है. इससे उसका शातिर रवैया झलकता है.
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