नई दिल्ली. एयर इंडिया अब सुधर गई है, कहने का मतलब है कि उधार देने की अपनी निकम्मी आदत से उसने तौबा कर ली है. उधारी के बोझ ने कम से कम इतना तो सीखा ही दिया है एयर इंडिया ने. उसने अपने उधार मांगने के आदी कस्मटर्स का उधारखाता सदा के लिए बंद कर दिया है
उधार मांगने वालों आगे बढ़ो
उधार का टिकट लेने वालों के लिए यही है सन्देश एयर इंडिया का. लगातार नुकसान की मार से दुहरी हो गई एयर इंडिया ने यह ऐतिहासिक निर्णय किया है. अब यह एयरलाइंस उन उधारखोर सरकारी विभागों को टिकट जारी नहीं करेगी जिन्हे एयरलाइन्स का भारी बकाया चुकाना है. वैसे कट पॉइंट जो रखा है एयर इंडिया ने वह दस लाख का है अर्थात दस लाख या उससे ऊपर के बकायेदार सपने में भी न सोचें कि अब एयर इंडिया से उधार के टिकट उनको मिल जाएंगे.
करोड़ो का बकाया है सरकारी विभागों पर
सोचने की बात यही है कि शुरुआत ही क्यों की थी ऐसी आदत डालने की. एयर इंडिया कोई पान की दूकान तो है नहीं कि रोज़ का ग्राहक भाग जाने का डर हो. जो जानकारी मिली है उसके अनुसार सरकारी संस्थाओं पर एअर इंडिया के 260 करोड़ रुपये बकाए हैं. बुरी तरह कर्ज में डूबी एयर इंडिया दिन रात तगादा करके अपने पैसे वसूलने की जुगत भिड़ा रही है. हालांकि उसे अभी हाल में करीब पचास करोड़ रुपये की वसूली हुई है जिसने दाल में नमक सी राहत दी है एयर इंडिया को.
पहले चुकाओ बकाया फिर करो टिकट की उम्मीद
साफ़-साफ़ कह दिया है एयर इंडिया ने अपने बेशर्म बकायेदारों से कि क्रेडिट बेस पर अब टिकट लेने की कोशिश भी न करें. एयर इंडिया के प्रवक्ता ने बताया कि ''विभिन्न सरकारी एजेंसियों से जब तक बकाया राशि क्लियर नहीं कर ली जाएगी तब तक एयर इंडिया उनको क्रेडिट बेस पर टिकट नहीं देगी.'' बुरा लगे तो बैठो अपने घर.
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