नई दिल्ली. मलेशिया के महातिर मुहम्मद कहां हैं? ये बात उनकी जानकारी में है या नहीं कि अब उनके देश के जो अगले प्रधानमंत्री हैं, वे भारत के आगे हांथ जोड़ने को मजबूर हैं. महातिर मुहम्मद ने तो हद कर दी थी. लगातार अपनी बदतमीज़ी पर डटे रहे और भारत विरोधियों की गैंग में शामिल हो कर बार-बार बदजुबानी कर रहे थे, शायद उनको पता था कि उनका क्या बिगड़ना है, जो होगा मलेशिया का नुकसान होगा, उनको तो जाना ही था प्रधानमंत्री पद छोड़ कर.
नए प्रधानमंत्री में हैं संस्कार
संस्कार सिर्फ अपने धर्म और विरासत से ही नहीं मिलते, दुनिया में मैत्री जैसे मानवीय मूल्यों के संस्कार भी उतने ही मूलयवान होते हैं. मलेशिया के आगामी प्रधानमंत्री के संस्कार सामने आये और उन्होंने बड़ी नम्रता से भारत के सामने अपने देश की भूल सुधार करने का प्रयास किया.
बदतमीज़ी की मिसाल पेश की थी महातिर ने
अब तक मलेशिया के प्रधानमंत्री पद पर बोझ बने हुए महातिर मुहम्मद ने भारत के शान्तिपूर्ण व्यवहार को भारत की कमज़ोरी समझा और भारत के घरेलू मामले में अपनी टांग डाली. एक नहीं भारत के दो-दो घरेलू मामलों पर प्रतिकूल टिप्पणी करने वाले वे सारी दुनिया में दूसरे नेता थे. उनसे पहले पाकिस्तानी इमरान खान ने धारा तीन सौ सत्तर और नागरिकता संशोधन क़ानून पर भारत विरोधी टिप्पणियां की थीं, महातिर ने भी अपना वही कटटरपंथी चेहरा दिखाया और इन दोनों विषयों पर भारत की आलोचना करनी शुरू कर दी थी. ऐसी हालत में भारत को मलेशिया से कहना चाहिये था - छोटे हो तो बड़ा बनने की कोशिश मत करो, अपनी औकात पहचानो!
भारत ने सिखा दिया सबक
भारत ने मलेशिया के विरुद्ध कुछ नहीं किया. बड़ी शान्ति से भारत ने पाम आयल का आयात बंद कर दिया. अरबों डॉलर का तेल खरीदने वाला भारत तेलों की दुनिया का सबसे बड़ा खरीदार है. भारत ने पिछले महीने मलेशिया से पाम ऑइल के आयात को प्रतिबन्धित कर दिया था और भारतीय व्यापारियों से अनौपचारिक रूप से कह दिया था कि वे मलेशिया से खरीदारी बंद कर दें. बस भारत के इस कदम ने मलेशिया की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी और बदतमीज किस्म के घमंडी का सर नीचा हो गया. मलेशिया की महातीर की हरकतों को लेकर लीपापोती सामने आने लगी. महातिर ने कहा -हम जवाबी कार्रवाई करने के लिहाज से भारत के सामने बेहद छोटे हैं. और अब तो आगामी प्रधानमन्त्री अनवर इब्राहिम ने बयान जारी करके कहा कि भारत को मलेशिया के सुरों में हुए बदलाव पर ध्यान देना चाहिए. या दूसरे शब्दों में कहा कि अब तो माफ कर दो हमें!
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