कोरोना की दूसरी लहर की तुलना में ओमिक्रॉन से कम हैं प्रभावित बच्चे! जानें मामला

आंकड़े कहते हैं कि कुल संक्रमित बच्चों की संख्या के मामले में ओमिक्रॉन की लहर दूसरी लहर से पीछे है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 20, 2022, 07:43 AM IST
  • कुल संक्रमित बच्चों की संख्या भी कम
  • जानिए क्या बोले राज्य के स्वास्थ्य मंत्री
कोरोना की दूसरी लहर की तुलना में ओमिक्रॉन से कम हैं प्रभावित बच्चे! जानें मामला

नई दिल्ली: कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर वैज्ञानिक लगातार चिंता जाहिर करते रहे हैं कि ये बच्चों को ज्यादा संख्या में शिकार बना सकता है. कई रिसर्च और मीडिया रिपोर्ट्स में भी यह बात कही गई है. लेकिन अब कर्नाटक के आंकड़े बता रहे हैं कि ओमिक्रॉन की लहर में बच्चे दूसरी लहर की तुलना में कम प्रभावित हुए हैं. राज्य के कोविड वॉर रूम के डेटा के मुताबिक दूसरी लहर के पीक के दौरान 0-18 वर्ष के बच्चे बीते साल अप्रैल-मई महीने में ओमिक्रॉन की तुलना में ज्यादा प्रभावित थे. 

 

एक वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक 0-18 वर्ष आयु समूह में बीते साल अप्रैल-मई के महीने में कोरोना पॉजिटिविटी रेट 8.82% और 24.61% था.

लेकिन कर्नाटक में इस महीने इसी आयु समूह में कोरोना पॉजिटिविटी रेट 5.69% रहा है.

ध्यान देने वाली बात है कि राज्य में बीते दो महीने के दौरान कोरोना टेस्ट की संख्या में इजाफा हुआ है. 0-18 आयु समूह के ये आंकड़े 17 जनवरी तक के हैं.

कुल संक्रमित बच्चों की संख्या भी कम

आंकड़े कहते हैं कि कुल संक्रमित बच्चों की संख्या के मामले में भी ओमिक्रॉन की लहर दूसरी लहर से पीछे है.

बीते साल अप्रैल और मई महीने में राज्य में 57,442 और 1,01,314 बच्चे संक्रमित हुए थे. जबकि इस लहर में अब तक कुल संक्रमित बच्चों की संख्या 43,463 है.

बेंगलुरु को छोड़कर राज्य के अन्य जिलों में खुले हुए हैं स्कूल

कर्नाटक कोविड वॉर रूम के हेड मुनीष मौडगिल ने एक स्टेटमेंट में कहा है- दूसरी लहर की तुलना में तीसरी लहर में बच्चों के बजाए वयस्कों में महामारी ज्यादा फैल रही है.

बता दें कि कोरोना मामलों में इजाफा होने के बावजूद कर्नाटक ने स्कूल बंद नहीं किए हैं.

केवल राजधानी बेंगलुरु में स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया गया. जबकि राज्य के अन्य जिलाधिकारियों ने अपने जिले की स्थितियों के मुताबिक स्कूल खुले रखने का फैसला किया. 

क्या बोले राज्य के स्वास्थ्य मंत्री

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर ने कहा है-बच्चों में अभी पूरी तरह वैक्सीनेशन नहीं हुआ है, इसलिए इस आयु समूह में कुछ मामले सामने आ रहे हैं.

हमने अभी तक बच्चों में गंभीर या फिर मौत के मामले नहीं देखे हैं. लेकिन हमें सतर्क रहना होगा. राज्य में अब तक 18 से कम उम्र के 20,13,338 बच्चों को वैक्सीनेशन का पहला डोज दिया जा चुका है.

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