श्रीनगर: पाकिस्तान की बदनाम खुफिया संस्था आईएसआई एक बार फिर कश्मीर को दहलाने की साजिश में जुट गई है. खुफिया सूत्रों ने इस बारे में जानकारी दी है कि पाकिस्तानी फौज और आईएसआई ने कश्मीर में सक्रिय तीनो आतंकी संगठनों लश्करे तैयबा, हिज्बुल मुजाहिदीन और जैश ए मोहम्मद के साथ बैठक की है.
आतंकी संगठनों ने बांटी जिम्मेदारी
ऐसी खबर आ रही है कि कश्मीरी आतंकियों के पाकिस्तानी आकाओं ने अपने पिट्ठुओं के बीच काम का बंटवारा कर दिया है. पाकिस्तानी खुफिया एजेन्सी आईएसआई ने जैश-ए-मोहम्मद को जम्मू कश्मीर पर आवाजाही कर रहे सैन्य काफिलों पर हमले का काम सौंपा है, लश्करे तैयबा को उरी हमले की तर्ज पर सैन्य प्रतिष्ठानों या छावनियों पर हमले की जिम्मेदारी दी गई है, जबकि हिज्बुल मुजाहिदीन को राजनेताओं और पुलिसकर्मियों पर हमला करने के लिए कहा गया है.
पुलवामा की तर्ज पर हमले का खतरा
पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को आतंकियों ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था, जिसमें लगभग 40 जवान शहीद हो गए थे. आतंकियों ने एक बार फिर से इसी तर्ज पर हमला करने की योजना बनाई है. खुफिया विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक आतंकी संगठन आत्मघाती हमलावरों के जरिए विस्फोटकों से लदी कार को किसी सैन्य काफिले से टकरा सकते हैं. आतंकियों के स्थानीय नेटवर्क इस काम की जिम्मेदारी दी गई है. इस बात की खबर लगते ही सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं. गाड़ियों की आवाजाही पर नजर रखी जा रही है.
जम्मू को श्रीनगर से जोड़ने वाला हाईवे बेहद लंबा है. यहां नजर बनाए रखना बेहद मुश्किल काम है. हाईवे पर चल रहे सैन्य काफिलों की सुरक्षा हमेशा से बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य रहा है.
पाकिस्तान में चल रही है आतंकियों की ट्रेनिंग
पाकिस्तान ने अपने यहां बालाकोट का आतंकी ट्रेनिंग सेन्टर फिर से सक्रिय कर दिया है. खुफिया विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक इस अड्डे पर जैश ए मोहम्मद के 45-50 आतंकवादियों को ट्रेनिंग दी जा रही है. खुफिया सूत्रों ने इस बारे में रिपोर्ट सौंप दी है.
उधर घाटी में सुरक्षा बल लगातार अलर्ट पर हैं. सोमवार को घाटी के गांदरबल से हिज्बुल मुजाहिदीन के दो आतंकी गिरफ्तार किए गए, जिनके पास से गोला बारुद और एके-47 रायफल बरामद की गई.