नई दिल्ली. देश में ही नहीं, दुनिया में भी मोदी लहर चल रही है. भारत राष्ट्र का परचम दुनिया में लहरा रहा है और देश फिर से एक बार विश्वगुरु बनने की राह पर चल पड़ा है. इस अभूतपूर्व राष्ट्रीय उपलब्धि के रचयिता हैं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. नव-भारत के निर्माता मोदी को आज उनके जन्मदिवस पर ज़ीन्यूज़ राष्ट्रनायक के संबोधन से प्रतिष्ठित करना चाहता है. आज एक सौ सैंतीस करोड़ के भारत-राष्ट्र के हृदय सम्राट नरेन्द्र मोदी की राष्ट्र-विजय का संक्षिप्त शब्द-चित्रांकन गागर में सागर भरने जैसा चुनौतीपूर्ण प्रतीत होता है.
आधुनिक महाभारत के अर्जुन हैं नरेंद्र मोदी
आज इतिहास ने भारतीय राजनीति के पटल पर एक नाम लिख दिया है – नरेंद्र दामोदर दास मोदी. आधुनिक भारत की राजनीति के महाभारत में आज अर्जुन हैं नरेंद्र मोदी और उनका गांडीव है राष्ट्रवाद, साथ में उनके सारथी हैं अमित भाई शाह. इक्कीसवीं सदी के इस राजनैतिक धर्मयुद्ध में पार्थ मोदी ने विजय का शंखनाद किया है और भारतवर्ष की सोलहवीं और सत्रहवीं लोकसभा के चुनावों में विपक्ष की तथाकथित एकजुटता को अपने अक्षय तूणीर के शर-वार से ध्वस्त कर डाला है.
एकदा पुनः मोदी का विजय-नाद
वर्ष 2019 ने अपने आमचुनावों के दौरान एकदा पुनः भारतवर्ष को ही नहीं संपूर्ण विश्व को मोदी के अटल विजय-नाद की गूंज सुनाई. प्रधानमंत्री पद की सर्वोच्च योग्यता की प्रजातान्त्रिक परीक्षा में शिखर पर रहा बस एक ही व्यक्तित्व - नरेंद्र मोदी. मोदी की भाजपा के लिये 2014 के चुनावों की तस्वीर से 2019 के चुनावों की तस्वीर दुगुनी चमकदार थी. सत्रहवीं लोकसभा चुनावों के परिणाम के दो दिन पहले ही 21 मई 2019 को सामने आये कुल 13 एक्ज़िट पोल्स के नतीजों ने ज़ाहिर कर दिया था कि मोदी का सामना कर पाने में विपक्ष बुरी तरह से नाकाम रहा है और हद से हद 122 के आंकड़े को ही मोदी का विपक्षी गठबन्धन छू पायेगा.
राष्ट्रवाद ने विजयश्री का वरण किया
चुनाव परिणामों ने कांग्रेस को रुदाली बना डाला. मोदी के राष्ट्रवाद को देशभक्त भारतीयों ने गले लगाया और राष्ट्रवाद ने राजनीतिक विजयश्री का वरण किया. मोदी के अश्वमेध यज्ञ को चुनौती देने वाला एक भी योद्धा शत्रु-शिविर में दृष्टिगत नहीं हुआ और आज मोदी का यह विजयरथ अठारहवीं लोकसभा की तरफ सिंहनाद करता हुआ मंद मंथर गति से साभिमान बढ़ चला है.