दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल की आखिरी मन की बात की. इसमें उन्होंने हाल के दिनों में नागरिकता कानून पर हुई हिंसा को गलत ठहराया और कहा कि देश का युवा अराजकता और हिंसा में विश्वास नहीं करता है. आज का युवा जात-पात से ऊंची सोच रखता है. ये युवा परिवारवाद और जातिवाद पसंद नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि हम सब जानते हैं ये युवा पीढ़ी बहुत प्रतिभाशाली है. यह सोशल मीडिया का युग है और लोग पूरे सिस्टम को फॉलो करते हैं, अगर कोई सही ना काम कर रहा हो तो लोग बेचैन भी होते हैं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

युवाओं के आदर्श हैं स्वामी विवेकानंद


 


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं के आदर्श स्वामी विवेकानंद का जिक्र करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद जी कहते थे कि युवावस्था की कीमत को नहीं आंका जा सकता है. ये जीवन का सबसे मूल्यवान कालखंड होता है. पीएम ने कहा कि आपका जीवन इस पर निर्भर करता है कि आप अपनी युवावस्था का उपयोग किस प्रकार करते हैं.


देश आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा


पीएम मोदी ने आज देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हो रही कोशिशों पर कहा कि बिहार के पश्चिमी चंपारण की एक कहानी मैं बताए बिना रह नहीं सकता. यहां भैरवगंज हेल्थ सेंटर में लोग हेल्थ चेकअप कराने आए. यह कार्यक्रम सरकार का नहीं था बल्कि यह एक स्कूल के पुराने छात्रों द्वारा उठाया गया कदम था. इसका नाम संकल्ब 85 था. 1985 बैच के विद्यार्थियों ने एल्युमनाई मीट रखी और कुछ करने का विचार किया.



सूर्य ग्रहण पर भी पीएम ने की चर्चा


PM मोदी ने सूर्य ग्रहण का जिक्र करते हुए बताया कि एक युवा ने कॉमेंट किया कि क्या युवाओं को ऐस्ट्रोनॉमी से संबंधित जानकारी दी जा सकती है. पीएम ने कहा कि युवाओं की ही तरह सूर्य ग्रहण को लेकर मेरे अंदर भी उत्सुकता थी. अफसोस यह रहा कि दिल्ली के आसमान में बादल थे और मैं आनंद नहीं ले पाया लेकिन टीवी पर सुंदर तस्वीरें देखने को मिलीं. साल के आखिरी मन की बात को खत्म करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 2020 में हम फिर मिलेंगे. नया उमंग, नया उत्साह. आइए चल पड़ें. बहुत कुछ करना है देश को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाना है.


ये भी पढ़ें- मोदी की ऐतिहासिक विदेश यात्राओं से विश्वगुरू बनने की राह पर भारत