नई दिल्ली: कहते हैं मासूम बच्चों को जिस स्वरुप में ढ़ाला जाता है वो उसी तरह का आकार ले लेते हैं. इसलिए बच्चों को बचपन में बुरी आदतों से दूर रखा जाता है जिससे वो अच्छी बातें सीख कर समाज में सार्थक योगदान कर सकें. लेकिन कई जगहों पर बच्चों के दिमाग में जहर भरा जा रहा है.


'खेलने-खाने' की उम्र में बच्चे लगा रहे नारे


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दिल्ली के शाहीन बाग में पिछले 38 दिनों से लगातार विरोध प्रदर्शन चल रहा है. लेकिन इस विरोध में बड़ों के साथ साथ वो मासूम भी प्रदर्शन कर रहे हैं. जिन्हें न तो इस कानून के बारे में समझ है और न ही उन्हें प्रदर्शन की समझ है. 


बच्चों के दिमाग में भरी जा रही जहरीली बातें


इस प्रदर्शन में शामिल कई बच्चे ऐसे हैं जो अपनी पढ़ाई लिखाई छोड़ कर इस प्रदर्शन में आ रहे हैं. ऐसे बच्चों के दिमाग में जहरीली बातें भरी जा रही है उन्हें अपने देश की व्यवस्था और प्रधानमंत्री के खिलाफ भड़काया जा रहा है. ऐसे बच्चों के बारे में रिपोर्ट में दिखाया है ऐसे में राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग ने ऐसे बच्चों की काउंसलिंग कराने के लिए दक्षिण पूर्वी दिल्ली के जिला अधिकारी को पत्र लिखा है.


आपको बताते हैं कि इस पत्र में क्या लिखा है?


''हमें शिकायत मिली है कि बच्चों के दिमाग में बड़ों ने यह घर कर दिया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह उनसे नागरिकता का दस्तावेज मांगेगे और अगर वे दस्तावेज नहीं दिखा सके तो उन्हें डिटेंशन सेंटर भेज दिया जाएगा, जहां उन्हें खाना पानी तक नहीं मिल सकेगा.''


''ऐसा लग रहा है कि ये बच्चे अफवाहों या गलतफहमी के शिकार हैं इसकी वजह से बच्चे मानसिक आघात से पीड़ित हो सकते हैं. इन बच्चों की पहचान की जाए और उनकी काउंसलिंग की जाए और जरुरत पड़े तो उनके अभिभावक की भी काउंसलिंग की जाए. इस संबंध में 10 दिनों के भीतर कमीशन को रिपोर्ट भेजी जाए.''


अब आपको दिखाते हैं कि किस तरह से छोटे छोटे बच्चों के दिमाग में जहर भरा जा रहा है.



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ऐसे हजारों संख्या में बच्चों के वीडियो सामने आ रहे हैं जो प्रधानमंत्री के बारे में आपत्तिजनक बातें कर रहे हैं. बच्चों को ये सिखाया जा रहा है कि उन्हें देश से निकाल दिया जाएगा. बिना समझे छोटे छोटे बच्चे इंकलाब का नारा लगा रहे हैं. ये वाकई देश के लिए बड़े दुर्भाग्य की बात है.


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