नई दिल्ली: चार साल के डाटा पर अध्ययन करने के बाद पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी ने प्रदूषण को लेकर कई खुलासे किए हैं. इसमें बताया गया है कि दिल्ली समेत बाकी राज्यों के प्रदूषण के क्या कारण हैं.
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय की प्रधान वैज्ञानिक डॉ प्रभज्योत कौर सिद्धू ने कहा, हमने पिछले 4 वर्षों के डेटा का विश्लेषण करके देखा है. मानसून वापसी की अवधि के दौरान स्थिर वातावरण, तापमान में गिरावट और शांत हवा की गति, किसी भी क्षेत्र का प्रदूषण एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में नहीं जा सकता है.
डॉ प्रभज्योत कौर सिद्धू के मुताबिक प्रदूषण के दूसरे तेज हवा की गति की आवश्यकता होती है और प्रत्येक राज्य अपने प्रदूषण के लिए स्वयं जिम्मेदार होता है. पंजाब की तुलना में दिल्ली का एक्यूआई वैसे भी अधिक था.
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दिल्ली में आज भी प्रदूषित है हवा
दिल्ली में आज भी हवा प्रदूषित है और खराब श्रेणी में रिकॉर्ड की गई है. SAFAR के अनुसार, दिल्ली में रविवार की सुबह भी वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी AQI ‘बहुत खराब’ श्रेणी में 347 बनी हुई है.
खत्म हो रही पाबंदियों की सीमा
प्रदूषण की आपात स्थितियों के चलते 16 नवंबर की देर राज जिन पाबंदियों को CAQM (कमीशन फॉर एयर क्वालिटी) ने लागू किया था उनमें कई की समय सीमा आज खत्म हो रही है. आज हो सकता है दिल्ली सरकार वायु प्रदूषण को लेकर कोई फैसला ले सकती है
उत्तराखंड भी प्रदूषण कम करने के लिए जुटा
देहरादून डीएम आर राजेश कुमार ने कहा है कि खुले में प्लास्टिक/कचरा जलाने पर 5000 रुपये का जुर्माना लगेगा. देहरादून और ऋषिकेश शहर में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत वायु गुणवत्ता सुधार कार्य योजना के संबंध में समीक्षा बैठक के दौरान, मैंने उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया.
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