नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन अभियान शुरू किया. इस मौके पर उन्होंने देशवासियों को कई बड़े संदेश दिए. इस मौके पर पीएम मोदी भावुक भी हो गए. उन्होंने कोरोना वॉरियर्स के योगदान को याद किया और कहा कि कई साथी तो अस्पताल से घर तक नहीं लौट पाए. टीकाकरण अभियान की शुरुआत करते हुए पीएम ने कहा कि भारत की वैक्सीन पूरी मानवता के लिए है, दुनिया का भारत पर भरोसा बढ़ा है और वैज्ञानिकों ने आत्मनिर्भरता की अलख जगाई. आपको PM ते संबोधन की 11 बड़ी बातें बताते हैं.
पीएम मोदी के संबोधन की 11 बड़ी बातें
1). PM Modi ने कहा कि 'आज के दिन का पूरे देश को बेसब्री से इंतजार रहा है. कितने महीनों से देश के हर घर में बच्चे, बूढ़े, जवान सभी की जुबान पर ये सवाल था कि कोरोना वैक्सीन कब आएगी. अब वैक्सीन आ गयी है, बहुत कम समय में आ गई है. मैं सभी देशवासियों को इसके लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं. भारत का टीकाकरण अभियान बहुत ही मानवीय और महत्वपूर्ण सिद्धांतों पर आधारित है. जिसे सबसे ज्यादा जरूरत है, उसे सबसे पहले कोरोना का टीका लगेगा.'
2). पीएम ने बताया कि 'मैं ये बात फिर याद दिलाना चाहता हूं कि कोरोना वैक्सीन की दो डोज लगनी बहुत जरूरी है. पहली और दूसरी डोज के बीच, लगभग एक महीने का अंतराल भी रखा जाएगा. दूसरी डोज लगने के 2 हफ्ते बाद ही आपके शरीर में कोरोना के विरुद्ध ज़रूरी शक्ति विकसित हो पाएगी.'
3). प्रधानमंत्री ने कहा कि 'इतिहास में इतने बड़े स्तर का टीकाकरण अभियान पहले कभी नहीं चलाया गया है. दुनिया के 100 से भी ज्यादा ऐसे देश हैं जिनकी जनसंख्या 3 करोड़ से कम है और भारत वैक्सीनेशन के अपने पहले चरण में ही 3 करोड़ लोगों का टीकाकरण कर रहा है. दूसरे चरण में हमें इसको 30 करोड़ की संख्या तक ले जाना है. जो बुजुर्ग हैं, जो गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं, उन्हें इस चरण में टीका लगेगा. आप कल्पना कर सकते हैं, 30 करोड़ की आबादी से ऊपर के दुनिया के सिर्फ तीन ही देश हैं- खुद भारत, चीन और अमेरिका..'
4). नरेंद्र मोदी ने कहा 'कि हमारे वैज्ञानिक और विशेषज्ञ जब दोनों मेड इन इंडिया वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभाव को लेकर आश्वस्त हुए, तभी उन्होंने इसके इमरजेंसी उपयोग की अनुमति दी. इसलिए देशवासियों को किसी भी तरह के प्रोपेगेंडा, अफवाहें और दुष्प्रचार से बचकर रहना है. भारत के वैक्सीन वैज्ञानिक, हमारा मेडिकल सिस्टम, भारत की प्रक्रिया की पूरे विश्व में बहुत विश्वसनीयता है. हमने ये विश्वास अपने ट्रैक रिकॉर्ड से हासिल किया है. कोरोना से हमारी लड़ाई आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की रही है. इस मुश्किल लड़ाई से लड़ने के लिए हम अपने आत्मविश्वास को कमजोर नहीं पड़ने देंगे, ये प्रण हर भारतीय में दिखा.'
5). उन्होंने बोला कि 'हर हिंदुस्तानी इस बात का गर्व करेगा की दुनिया भर के करीब 60% बच्चों को जो जीवन रक्षक टीके लगते हैं, वो भारत में ही बनते हैं. भारत की सख्त वैज्ञानिक प्रक्रियाओं से होकर ही गुजरते हैं. भारतीय वैक्सीन विदेशी वैक्सीन की तुलना में बहुत सस्ती हैं और इनका उपयोग भी उतना ही आसान है. विदेश में तो कुछ वैक्सीन ऐसी हैं जिसकी एक डोज 5,000 हजार रुपये तक में हैं और जिसे -70 डिग्री तापमान में फ्रीज में रखना होता है.'
6). PM ने कहा कि 'भारत की वैक्सीन ऐसी तकनीक पर बनाई गई है जो भारत में tried और tested है. ये वैक्सीन स्टोरेज से लेकर transportation तक भारतीय स्थितियों और परिस्थितियों के अनुकूल हैं, यही वैक्सीन भारत को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में निर्णायक जीत दिलाएगी. संकट कितना भी बड़ा क्यों न हो, देश वासियों ने कभी आत्मविश्वास खोया नहीं. जब भारत में कोरेाना पहुंचा तब देश में कोरोना टेस्टिंग की एक ही लैब थी, हमने अपने सामर्थ्य पर विश्वास रखा और आज 2,300 से ज्यादा नेटवर्क हमारे पास है.'
7). प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि 'हम दूसरों के काम आएं, ये निश्वार्थ भाव हमारे भीतर रहना चाहिए. राष्ट्र सिर्फ मिट्टी, पानी, कंकड़, पत्थर से नहीं बनता. बल्कि राष्ट्र का मतलब होता है हमारे लोग. भारत ने 24 घंटे सतर्क रहते हुए, हर घटनाक्रम पर नजर रखते हुए, सही समय पर सही फैसले लिए. 30 जनवरी को भारत में कोरोना का पहला मामला मिला, लेकिन इसके दो सप्ताह से भी पहले भारत एक हाई लेवल कमेटी बना चुका था. 17 जनवरी, 2020 वो तारीख थी, जब भारत ने अपनी पहली एडवायजरी जारी कर दी थी. भारत दुनिया के उन पहले देशों में से था जिसने अपने एयरपोर्ट्स पर यात्रियों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी. जनता कर्फ्यू, कोरोना के विरुद्ध हमारे समाज के संयम और अनुशासन का भी परीक्षण था, जिसमें हर देशवासी सफल हुआ. जनता कर्फ्यू ने देश को मनोवैज्ञानिक रूप से लॉकडाउन के लिए तैयार किया.'
8). पीएम मोदी ने बोला कि 'ऐसे समय में जब कुछ देशों ने अपने नागरिकों को चीन में बढ़ते कोरोना के बीच छोड़ दिया था, तब भारत, चीन में फंसे हर भारतीय को वापस लेकर आया और सिर्फ भारत के ही नहीं, हम कई दूसरे देशों के नागरिकों को भी वहां से वापस निकालकर लाए. एक देश में जब भारतीयों को टेस्ट करने के लिए मशीनें कम पड़ रहीं थीं तो भारत ने पूरी लैब भेज दी थी ताकि वहां से भारत आ रहे लोगों को टेस्टिंग की दिक्कत ना हो.'
9). उन्होंने ये भी कहा कि 'भारत ने इस महामारी से जिस प्रकार से मुकाबला किया उसका लोहा आज पूरी दुनिया मान रही है. केंद्र और राज्य सरकारें, स्थानीय निकाय, हर सरकारी संस्थान, सामाजिक संस्थाएं, कैसे एकजुट होकर बेहतर काम कर सकते हैं, ये उदाहरण भी भारत ने दुनिया के सामने रखा. DRDO, इसरो और फौज से लेकर किसान और श्रमिक तक सभी एक संकल्प के साथ कैसे काम कर सकते हैं ये भारत ने दिखाया है. 2 गज की दूरी और मास्क है जरूरी, पर फोकस करने वालों में भी भारत अग्रणी देशों में रहा. आज जब हमने वैक्सीन बना ली है, तब भी भारत की तरफ दुनिया आशा और उम्मीद की नजरों से देख रही है. जैसे जैसे हमारा टीकाकरण अभियान आगे बढ़ेगा, दुनिया के अनेक देशों को हमारे अनुभव का लाभ मिलेगा.'
10). प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'हमारे डॉक्टर्स, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, एम्बुलेंस ड्राइवर, आशा वर्कर, सफाई कर्मचारी, पुलिस कर्मी और फ्रंटलाइन वर्कर्स, इन्होंने मानवता के प्रति अपने दायित्व को प्राथमिकता दी. इनमें से अधिकांश तब अपने बच्चों, अपने परिवार से दूर रहे. उन्होंने एक-एक जीवन को बचाने के लिए अपना जीवन आहुत कर दिया. इसलिए आज कोरोना का पहला टीका स्वास्थ सेवा से जुड़ लोगों को लगाकर एक तरह से समाज अपना ऋण चुका रहा है. ये टीका उन सभी साथियों के प्रति कृतज्ञ राष्ट्र की आदरांजलि भी है.'
11). अंत में PM मोदी ने बड़ा संदेश देते हुए कहा कि 'भारत की वैक्सीन, हमारी उत्पादन क्षमता पूरी मानवता के हित में काम आए, ये हमारी प्रतिबद्धता है. ये टीकाकरण अभियान अभी लंबा चलेगा, हमें जन जन के जीवन को बचाने में योगदान देने का मौका मिला है. मास्क, 2 गज की दूरी और साफ सफाई ये टीके के दौरान भी और बाद में भी जरूरी रहेंगे. टीका लग गया तो इसका अर्थ ये नहीं कि आप बचाव के दूसरे तरीके छोड़ दें. अब हमें नया प्रण लेना है - दवाई भी, कड़ाई भी.'
India begins the world’s #LargestVaccineDrive. This is a day of pride, a celebration of the prowess of our scientists and hardwork of our medical fraternity, nursing staff, police personnel and sanitation workers.
May everyone be healthy and free from illness. pic.twitter.com/AEpMMEAyzR
— Narendra Modi (@narendramodi) January 16, 2021
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