नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने राजकोट में AIIMS की आधारशिला रखी. उन्होंने इस मौके पर अपने संबोधन में कहा कि कोरोना वैक्सीनेशन (Cororna Vaccination) अभियान चलाने के लिए देश की तैयारियां जोरों पर है, साथ ही ये भी कहा कि '2021 का मंत्र दवाई भी, कड़ाई भी'.. आपको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन की 11 बड़ी बातों से रूबरू करवाते हैं..


PM Modi के संबोधन की 11 बड़ी बातें


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1). पीएम (PM Modi) ने कहा कि 'नया साल दस्तक दे रहा है, आज देश के मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने वाली एक और कड़ी जुड़ रही है, राजकोट में एम्स (AIIMS) के शिलान्यास से गुजरात सहित पूरे देश के स्वास्थ्य और मेडिकल एजुकेशन को बल मिलेगा. साल 2020 को एक नई नेशनल हेल्थ फेसिलिटी के साथ विदाई देना, इस साल की चुनौती को भी बताता है और नए साल की प्राथमिकता को भी दर्शाता है.'



2). प्रधानमंत्री ने कहा कि 'स्वास्थ्य पर जब चोट होती है तो जीवन का हर पहलू बुरी तरह प्रभावित होता है और सिर्फ परिवार नहीं पूरा सामाजिक दायरा उसकी चपेट में आ जाता है. इसलिए साल का ये अंतिम दिन भारत के लाखों डॉक्टर्स, हेल्थ वॉरियर्स, सफाई कर्मियों, दवा दुकानों में काम करने वाले, और दूसरे फ्रंट लाइन कोरोना वॉरियर्स (Corona Warriors) को याद करने का है. कर्तव्य पथ पर जिन साथियों ने अपना जीवन दे दिया है, उन्हें मैं सादर नमन करता हूं.'


3). उन्होंने बताया कि 'मुश्किल भरे इस साल ने दिखाया है कि भारत जब एकजुट होता है तो मुश्किल से मुश्किल संकट का सामना वो कितने प्रभावी तरीके से कर सकता है. भारत ने एकजुटता के साथ समय पर प्रभावी कदम उठाए, उसी का परिणाम है कि आज हम बहुत बेहतर स्थिति में हैं. जिस देश में 130 करोड़ से ज्यादा लोग हों, घनी आबादी हों. वहां करीब 1 करोड़ लोग इस बीमारी से लड़कर जीत चुके हैं.'


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4). इस मौके पर पीएम ने कहा कि 'साल 2020 में संक्रमण की निराशा थी, चिंताएं थी, चारों तरफ सवालिया निशान थे, लेकिन 2021 इलाज की आशा लेकर आ रहा है. यदि 2020 स्वास्थ्य चुनौतियों का वर्ष था, तो 2021 स्वास्थ्य समाधान का वर्ष होगा. वैक्सीन (Vaccine) को लेकर भारत में हर जरूरी तैयारियां चल रही हैं.'



5). प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा कि 'बीते दो दशकों में गुजरात में जिस प्रकार का मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हुआ है, वो बड़ी वजह है कि गुजरात कोरोना की चुनौती से बेहतर तरीके से निपट पा रहा है. एम्स राजकोट, गुजरात के हेल्थ नेटवर्क को और भी सशक्त करेगा, मजबूत करेगा. मेडिकल सेक्टर में गुजरात की सफलता के पीछे 2 दशकों का अनवरत प्रयास है, समर्पण और संकल्प है. बीते 6 सालों में इलाज और मेडिकल एजुकेशन को लेकर जिस स्केल पर काम हुआ है, उसका निश्चित लाभ गुजरात को भी मिल रहा है.'


6). उन्होंने ये भी कहा कि 'आजादी के इतने दशकों बाद भी सिर्फ 6 एम्स ही बन पाए थे. 2003 में अटल जी की सरकार ने 6 नए एम्स बनाने के लिए कदम उठाए थे. उन्हें बनाते बनाते 2012 आ गया था, यानी 9 साल लग गए थे. बीते 6 वर्षों में 10 नए एम्स बनाने पर काम हो चुका है. जिनमें से कई आज पूरी तरह काम शुरू कर चुके हैं. एम्स के साथ ही देश में 20 एम्स जैसे सुपर स्पैशिलिटी हॉल्पिटल्स पर भी काम किया जा रहा.'


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7). पीएम मोदी ने कहा कि 'आयुष्मान भारत योजना से गरीबों के लगभग 30 हजार करोड़ रुपये ज्यादा बचे हैं. आप सोचिए, इस योजना ने गरीबों को कितनी बड़ी आर्थिक चिंता से मुक्त किया है. अनेकों गंभीर बीमारियों का इलाज गरीबों ने अच्छे अस्पतालों में मुफ्त कराया है. 2014 से पहले हमारा हेल्थ सेक्टर अलग अलग दिशा में, अलग अलग अप्रोच के साथ काम कर रहा था. प्राइमरी हेल्थ केयर का अपना अलग सिस्टम था, गांव में सुविधाएं न के बराबर थी.'


8). प्रधानमंत्री मोदी ने बोला कि 'हमने हेल्थ सेक्टर में होलिस्टिक तरीके से काम शुरू किया. हमने जहां एक तरफ Preventive care पर बल दिया, वहीं इलाज की आधुनिक सुविधाओं को भी प्राथमिकता दी.'



9). 'साढ़े 3 लाख से ज्यादा गरीब मरीजों को हर रोज इन केंद्रों का लाभ मिल रहे है. सस्ती दवाओं की वजह से गरीबों के हर साल औसतन 3600 करोड़ रुपये खर्च होने से बच रहे हैं. हमने जहां गरीब का इलाज पर होने वाला खर्च कम किया. वहीं इस बात पर भी जोर दिया कि डॉक्टरों की संख्या में भी तेजी से वृद्धि हो. आज हेल्थ और वैलनेस को लेकर देशभर में एक सतर्कता आई है, गंभीरता आई है. शहरों के साथ ही दूर-दराज के गांवों में भी ये सतर्कता हम देख रहे हैं.'


10). 'पिछले छह वर्षों में, एमबीबीएस में 31,000 नई सीटें जोड़ी गई हैं, और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में 24,000 नई सीटें जोड़ी गई हैं. भारत स्वास्थ्य के क्षेत्र में जमीनी स्तर पर बदलाव की ओर बढ़ रहा है. भारत ने मांग के अनुसार अनुकूलन, विकास और विस्तार करने की अपनी क्षमता साबित की है. हम दुनिया के साथ आगे बढ़े, सामूहिक प्रयासों में मूल्य जोड़ा और बाकी सब चीजों से ऊपर मानवता की सेवा की. आज, भारत में मानव जाति की सेवा करने की भावना के साथ-साथ क्षमता भी है. भारत वैश्विक स्वास्थ्य के तंत्रिका-केंद्र में बदल गया है.'


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11). 'भारत Future of Health और Health of Future दोनों में ही सबसे महत्त्वपूर्ण रोल निभाने जा रहा है. जहां दुनिया को  Competent Medical Professionals भी मिलेंगे, उनका सेवाभाव भी मिलेगा. यहां दुनिया को Mass Immunization का experience भी मिलेगा और expertise भी मिलेगी. यहां दुनिया को हेल्थ सॉल्यूशन और टेक्नोलॉजी को इंटिग्रेट करने वाले स्टार्टअप और स्टार्टअप इकोसिस्टम भी मिलेगा.'


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