Farmer Protest: अब 4 जनवरी को हो सकती है किसानों की 'खेत वापसी'

किसानों और सरकार के बीच अगली बैठक 4 जनवरी को होगी. 7वें दौर की बातचीत में MSP पर कानून बनाने पर चर्चा होगी. उम्मीद जताई जा रही है कि अब 4 जनवरी को किसानों की 'खेत वापसी' हो सकती है..

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 30, 2020, 09:19 PM IST
  • किसान आंदोलन पर 4 जनवरी को आखिरी फैसला
  • MSP पर कानून बनाने को लेकर होगी चर्चा
  • किसानों का बकाया बिजली बिल माफ होगा
  • बैठक के दौरान किसानों को बड़ी सौगात
Farmer Protest: अब 4 जनवरी को हो सकती है किसानों की 'खेत वापसी'

नई दिल्ली: किसानों और सरकार के बीच बुधवार को हुई बैठक हुई, जिससे समाधान की राह दिखाई दे रही है. पिछले 35 दिनों से किसानों का आंदोलन जारी है. किसानों और सरकार के बीच इस बैठक में कुछ मुद्दों पर सहमति बन गई है, अन्य मुद्दों पर बातचीत के लिए 4 जनवरी को दोबारा बैठक बुलाई गई है.

खत्म होने वाला है किसान आंदोलन

किसान और सरकार के बीच दो मांगों पर सहमति बन गई है, लेकिन आंदोलन अभी खत्म नहीं होगा. जानकारी के मुताबिक 2 मांगें सरकार ने मान ली है और 2 मांगों के लिए कमेटी बनाई है.

किसान और सरकार के बीच 4 जनवरी को अगली बैठक होगी. फिलहाल किसानों ने आंदोलन (Farmer Protest) जारी रखने का ऐलान किया है. आपको बताते हैं कि किन मांगों को सरकार ने माना है और किसपर कमेटी बनाई गई है.

पराली कानून पर सरकार ने किसानों की मांगें मान ली है, यानि सहमति बन गई है और अब किसानों को जुर्माने से राहत मिल जाएगी. इसके अलावा 2 बिजली बिल में छूट पर भी सरकार ने सहमति जता दी है, यानि किसानों को सब्सिडी जारी रहेगी.

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि "आज की बैठक पूर्व की तरह अच्चे वातावरण में हुई. बैठक में किसान नेताओं ने 4 विषय चर्चा के लिये रखे थे. उस पर 2 विषयों पर रजामंदी हो गई है, पराली पर सहमति बनी है सरकार ने कहा कि हम आपकी चिंता से वाकिफ है. बिजली एक्ट जो अभी आया नहीं है, किसानों की सिचाई पर बिजली सब्सिडी राज सरकार तय करेगी. ये बात भी मान ली गई है."

किसान और सरकार के मंत्रियों के बीच करीब साढ़े 5 घंटे तक बैठक चली. कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों के साथ अच्छे वतावरण में वार्ता हुई. अगली बैठक में MSP और तीनों कृषि कानून पर सरकार और किसानों के बीच होगी बात.

कृषि मंत्री ने आंदोलनकारी किसानों से बुजुर्गों और महिलाओं से घर भेजने का आग्रह किया और कहा कि हमने किसानों की समस्या पर ध्यान दिया. उन्होंने कहा कि "आज विज्ञान भवन में किसान आंदोलन में शामिल नेताओं के साथ बैठक हुई. बैठक में किसान यूनियन के नेताओं ने जो 4 विषय चर्चा के लिए रखे थे, उनमें से 2 विषयों पर आपसी सहमति सरकार और किसान यूनियनों के बीच हो गई हैं."

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किसान नेताओं ने आंदोलन में मारे गए किसानों के परिजनों के लिए मुआवजे की मांग की, किसान आंदोलन में अब तक 20 से ज्यादा किसान मारे जा चुके हैं. किसानों के साथ बैठक में मंत्रियों ने मोबाइल टावर तोड़े जाने का मुद्दा उठाया. किसान नेताओं ने भी हंगामे, बवाल की निंदा की.

वहीं केंद्र सरकार ने कृषि कानून रद्द करने से इनकार कर दिया है. सरकार ने किसानों को कमेटी बनाने का प्रस्ताव दिया. बैठक में मंत्रियों ने किसानों को पीएम का संदेश दिया. पीएम मोदी भी चाहते हैं किसान आंदोलन का समाधान जल्द हो.

बैठक के दौरान किसानों ने सरकार की तरफ से दिए गए लंच प्रस्ताव को ठुकराया. आंदोलन स्थल से अपना खाना मंगाकर किसान खाए. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल ने भी किसानों के साथ खाया खाना और कहा कि आप हमारा खाना नहीं खा रहे, लेकिन मैं आपके साथ खाना खाउंगा. बैठक के दौरान किसान नेताओं ने मंत्रियों के साथ सेल्फी भी ली. लंच के दौरान एक किसान नेता ने पीयूष गोयल के साथ फोटो खिंचवाई.

किसानों के साथ बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने रहा कि आज फिफ्टी-फिफ्टी मुद्दों पर बात बन गई है. पराली और बिजली के मुद्दे पर दोनों पक्षों में रजामंदी हो गई है. किसानों और सरकार के बीच 4 जनवरी को अगली बैठक होगी. 7वें दौर की बातचीत में MSP पर कानून बनाने पर चर्चा होगी. देखना होगा कि क्या इस बैठक के बाद किसानों का आंदोलन खत्म होता है?

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