पुणे: बजाज ग्रुप के पूर्व चेयरमैन और प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी जमनालाल बजाज के सुपौत्र राहुल बजाज का शनिवार को पुणे में निधन हो गया. वे पिछले कई सालों से कैंसर से जूझ रहे थे. वे मूलतः राजस्थान में सीकर जिले के काशी का बास के रहने वाले थे.
दिग्गज उद्योगपति राहुल बजाज ने पिछले साल 29 अप्रैल को बजाज ऑटो के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने बढ़ती उम्र का हवाला देते हुए यह पद छोड़ा था. वह 1972 से इस पद पर थे. तब राहुल बजाज को कंपनी के चेयरमैन एमिरिटस की भूमिका दी गई थी. बजाज ऑटो के बोर्ड में डायरेक्टर नीरज बजाज कंपनी के नॉन एग्जीक्यूटिव चेयरमैन बनाए गए थे.
5 दशकों में कंपनी और ग्रुप की सफलता में योगदान दिया
कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज को दिए नोटिस में कहा था कि राहुल बजाज ने पिछले 5 दशकों में कंपनी और ग्रुप की सफलता में योगदान दिया है. इसे देखते हुए कंपनी ने उन्हें 1 मई 2021 से 5 साल के लिए चेयरमैन एमिरिटस बनाने का फैसला किया है.
विगत पॉंच दशकों से बजाज ग्रुप का नेतृत्व करने वाले राहुल जी का उद्योग जगत में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे और परिजनों को संबल दे। ॐ शांति
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) February 12, 2022
2001 में मिला था पद्म भूषण पुरस्कार
देश के सबसे सफल उद्योगपतियों में शामिल राहुल बजाज ने दोपहिया और तिपहिया वाहनों के क्षेत्र में बजाज ऑटो को न सिर्फ खड़ा किया बल्कि उसे अग्रणी स्थान तक पहुंचाया. वह साल 2006 से लेकर 2010 तक राज्य सभा के सदस्य भी रहे. साल 2001 में उन्हें देश का तीसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पद्म भूषण भी मिल चुका है.
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