लखनऊ : उत्तर प्रदेश में कोरोना, डेंगू और वायरल के बाद जीका वायरस ने अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं. कानपुर के बाद अब कन्नौज जिले में भी जीका ने दस्तक दे दी है.
कन्नौज जिले के 45 वर्षीय युवक में जीका वायरस की पुष्टि हुई है. ये युवक कानपुर के शिवराजपुर स्थित गांव में गया था. 3 नवंबर को कन्नौज से 30 सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे, जिसके बाद जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. इस मामले के सामने आने के बाद प्रशासन काफी सतर्क हो गया है.
कानपुर में 79 लोग संक्रमित
वहीं यूपी के कानपुर में अब तक जीका वायरस का कहर नहीं थम रहा है. यहां अब तक कुल मिलाकर 79 जीका वायरस पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं. जीका वायरस का पहला मामला 23 अक्टूबर को कानपुर में भारतीय वायु सेना स्टेशन क्षेत्र से सामने आया था, जब एक वारंट अधिकारी संक्रमित हो गए थे.
कैसे फैलता है जीका
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, जीका एक मच्छर जनित वायरस है जो एडीज एजिप्टी नामक मच्छर की एक संक्रमित एडीज प्रजाति के काटने से फैलता है. एडीज मच्छर आमतौर पर दिन के दौरान काटते हैं.
ये हैं जीका के लक्षण
रोगियों में बुखार, चकत्ते, जोड़ों में दर्द, आंखों के पीछे दर्द और उल्टी जैसी दिक्कत हो सकती हैं.
गर्भवती महिलाओं के लिए है घातक
जीका वायरस गर्भवती महिलाओं के लिए घातक हो सकता है. यह भ्रूण को नुकसान पहुंचा सकता है. सीडीसी के अनुसार, संक्रमित महिला से जन्मे बच्चे में दिमागी बीमारी हो सकती है.
जीका वायरस का इलाज-बचाव
जीका वायरस का कोई विशिष्ट इलाज नहीं है. वायरस के चलते हो रहीं परेशानियों का इलाज किया जा सकता है. जैसे, अगर संक्रमित व्यक्ति को बुखार है तो डॉक्टर बुखार की दवा देकर आराम करने की सलाह दे सकते हैं. इसी तरह डॉक्टर ज्यादा मात्रा में तरल पदार्थों के सेवन की सलाह देते हैं. अभी जीका वायरस की वैक्सीन भी नहीं बनी है. ऐसे में मच्छरों से बचाव ही एकमात्र उपाय है. साथ ही जिन जगहों पर जीका वायरस फैला हो, वहां जाने से बचें.
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