पत्नी हो गई अलग...सास को घर ले जाकर बार-बार किया दुष्कर्म, दामाद बोला- सहमति से था, कोर्ट ने एक ना सुनी

Bombay High Court Trending Verdict: न्यायमूर्ति जी ए सनप की एकल पीठ ने कहा कि यह एक शर्मनाक कृत्य है. पीड़िता उसकी मां की तरह है.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Nov 13, 2024, 07:48 PM IST
  • न्यायमूर्ति ने कहा- जिससे गलत काम किया, वह मां जैसी
  • कोर्ट से दामाद ने कहा था- सहमति से हुआ
पत्नी हो गई अलग...सास को घर ले जाकर बार-बार किया दुष्कर्म, दामाद बोला- सहमति से था, कोर्ट ने एक ना सुनी

Nagpur Bench Case: बॉम्बे उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने मंगलवार को अपनी सास के साथ बलात्कार के मामले में एक व्यक्ति की सजा को बरकरार रखा. न्यायमूर्ति जी ए सनप की एकल पीठ ने कहा कि यह एक शर्मनाक कृत्य है. पीड़िता उसके लिए मां की तरह है.

दोषी ने दिसंबर 2018 में अपनी 55 वर्षीय सास के साथ बलात्कार किया था. जिसके बाद उसे सजा हुई तो वह सत्र न्यायालय के 2022 के फैसले को चुनौती देने हाई कोर्ट पहुंचा. उसे 14 साल जेल की सजा सुनाई गई थी.

सास ने बताई आपबीती
महिला ने आरोप लगाया कि उसके दामाद और बेटी अलग हो गए थे और उसके दो पोते अपने पिता के साथ रहते थे.  घटना वाले दिन आरोपी महिला(सास) से मिलने गया, जहां उसने सास से झगड़ा किया और उससे उनकी बेटी को दोबारा उससे मिलाने में मदद करने को कहा.

आरोपी दबाव डालकर और पारिवारिक मुद्दों पर चर्चा करने के बहाने पीड़िता को उसके साथ उसके घर ले गया. जहां व्यक्ति ने शराब पीकर महिला के साथ तीन बार बलात्कार किया. इसके बाद महिला ने अपनी बेटी को घटना की जानकारी दी और फिर बेटी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.

हाई कोर्ट में दामाद ने हद कर दी, कही ये बात
हाई कोर्ट में अपील करते हुए व्यक्ति ने दावा किया कि उसे बलात्कार के झूठे मामले में फंसाया गया है और यह सहमति से बनाया गया यौन संबंध था.

कोर्ट ने एक ना सुनी, दिए मजबूत तर्क
हालांकि, उच्च न्यायालय ने इस तर्क को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और कहा कि घटना के समय पीड़िता की आयु 55 वर्ष थी तथा वह झूठे आरोप लगाकर अपने चरित्र पर ऐसा कलंक नहीं लगाएगी.

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, हाईकोर्ट ने कहा, 'ऐसे मामले की पुलिस में रिपोर्ट करना कलंकपूर्ण परिणामों को आमंत्रित करता है. यदि यह सहमति से किया गया कार्य था, तो वह पुलिस में घटना की रिपोर्ट ही नहीं करती. यदि यह सहमति से किया गया कार्य था, तो वह अपनी बेटी को भी इसके बारे में नहीं बताती.'

महिला ने कभी नहीं सोचा होगा
पीठ ने यह भी कहा कि महिला ने कभी नहीं सोचा होगा कि उसका दामाद ऐसा निंदनीय कृत्य करेगा. पीठ ने कहा, 'यह ध्यान देने योग्य है कि अपीलकर्ता (दोषी), जो अभियोक्ता (शिकायतकर्ता) का दामाद है, उसने अपनी सास के साथ यह शर्मनाक कृत्य किया है, जो उसकी अपनी मां की उम्र की है. अपीलकर्ता ने अभियोक्ता की नारीत्व को अपवित्र किया है.'

कोर्ट ने कहा, 'अपीलकर्ता ने अभियोक्ता के साथ अपने संबंधों का फायदा उठाया. अभियोक्ता ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उसका दामाद उसके साथ ऐसा घृणित कृत्य करेगा.'

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