यूपी के अस्पतालों में उर्दू में भी लगेंगे साइनबोर्ड, जानें किसकी शिकायत पर लिया गया फैसला
यूपी ने यूपी राजभाषा (संशोधन) अधिनियम, 1989 के माध्यम से दूसरी भाषा के रूप में उर्दू को अपनाया था. हारून ने अपनी शिकायत में कहा था कि कई सरकारी विभाग राज्य की दूसरी आधिकारिक भाषा होने के बावजूद साइनेज पर उर्दू को छोड़ रहे हैं.
लखनऊ. राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में उर्दू में भी साइनबोर्ड और नेमप्लेट लिखे जाएंगे. उत्तर प्रदेश सरकार ने यह निर्देश दिया है. उन्नाव निवासी मोहम्मद हारून की एक शिकायत के बाद यह फैसला लिया गया है. दरअसल यूपी ने यूपी राजभाषा (संशोधन) अधिनियम, 1989 के माध्यम से दूसरी भाषा के रूप में उर्दू को अपनाया था, जिसने यूपी राजभाषा अधिनियम, 1951 में धारा 3 को जोड़ा था.
हारून ने अपनी शिकायत में कहा था कि कई सरकारी विभाग राज्य की दूसरी आधिकारिक भाषा होने के बावजूद साइनेज पर उर्दू को छोड़ रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग सहित कई सरकारी विभाग सरकारी आदेशों का पालन नहीं कर रहे हैं.
क्या हैं निर्देश
राज्य के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि अस्पतालों में डिस्प्ले पर नेमप्लेट, साइनबोर्ड और अन्य जानकारी हिंदी के साथ उर्दू में भी लिखी जानी चाहिए.
सीएमओ को सरकारी आदेश के माध्यम से यह निर्देश देने का निर्देश दिया गया है कि सभी सरकारी अस्पतालों, जिला अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और स्वास्थ्य विभाग के अन्य प्रतिष्ठानों को उर्दू में भी साइनबोर्ड, नेमप्लेट और अन्य साइनेज पर जानकारी होनी चाहिए.
इतनी जगहों पर आएगा बदलाव
यदि यह सरकारी आदेश लागू होता है, तो 167 जिला अस्पतालों, 2,934 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और 873 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के डिस्प्ले बोर्ड पर हिंदी के साथ-साथ उर्दू भी होगी.
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