नई दिल्ली: आज के दौर में ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम, यू ट्यूब जैसी तमाम सोशल साइट्स भारत के करोड़ों लोगों की जिंदगी का हिस्सा बन गई हैं. लेकिन कल से ये सभी सोशल मीडिया साइट्स बंद हो जाएंगी, देश में इस बात की चर्चा भी जोरों पर है. ये चर्चा क्यों हो रही है सबसे पहले हम आपको ये बता दें.
तो क्या भारत में बैन हो जाएगा ट्विटर-फेसबुक?
केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों को गाइडलाइन बनाने के लिये जो 3 महीने का वक्त दिया था, वो आज खत्म हो रहा है. आज ट्विटर और फेसबुक के लिए गाइडलाइन देने की मियाद खत्म हो जाएगी.
गौरतलब है कि केंद्र ने इस साल की 25 फरवरी को फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर जैसी सोशल मीडिया कंपनियों के लिए ज्यादा कड़े नियमों की घोषणा की थी, जिसके तहत उन्हें रिपोर्ट की गई सामग्री को 36 घंटे में हटाना पड़ेगा और भारत में काम करने वाले किसी अधिकारी के साथ एक शिकायत निवारण तंत्र की स्थापना करनी होगी.
जिसमें सोशल मीडिया कंपनियों को भारत में अपना ऑफिसर और कॉन्टेक्ट ऐड्रेस देना, कंपलायंस अधिकारी की नियुक्ति करना, शिकायत समाधान, आपत्तिजनक कंटेट की निगरानी, कंप्लायंस रिपोर्ट और आपत्तिजनक सामग्री को हटाना जैसे नियम हैं.
फेसबुक ने भारत सरकार को दिया जवाब
सूत्रों के मुताबिक अभी तक केवल कू नाम की कंपनी को छोड़ कर किसी दूसरी कंपनी ने इनमें से किसी अधिकारी की नियुक्ति नहीं की है. हालांकि फेसबुक ने भारत को जवाब दिया है.
बता दें, फेसबुक का जवाब आया है. कंपनी की तरफ से कहा गया है कि वह आईटी के नियमों का पालन करेगी. साथ ही कुछ मुद्दों पर सरकार से बातचीत जारी रखेगी. फेसबुक ने यह भी कहा है कि आईटी के नियमों के मुताबिक ऑपरेशनल प्रोसेस लागू करने और एफिशिएंसी बढ़ाने पर काम जारी है. कंपनी इस बात का ध्यान रखेगी कि लोग आजादी से और सुरक्षित तरीके से अपनी बात हमारे प्लेटफॉर्म के जरिए कह सकें.
सोशल मीडिया को मनमानी भारी पड़ेगी
दरअसल बीते कुछ सालों सोशल मीडिया का इस्तेमाल बेहद गलत तरीके से किया जा रहा है. सोशल मीडिया के जरिए अफवाहों को फैलाना, आपत्तिजनक जानकारी शेयर करना, देश में माहौल खराब करने जैसे लगातार काम किए जा रहे है. कई बार ऐसे मामले कोर्ट तक भी पहुंचे हैं.
सरकार के बार-बार निर्देश देने के बावजूद अब तक सोशल मीडिया कंपनियों की ओर इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए थे. इसीलिए सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों को एक सख्त गाइडलाइन बनाने का निर्देश दिया था.
सूत्रों के मुताबिक यदि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स नियमों का पालन नहीं करते हैं. यानी गाइडलाइन नहीं बनाते हैं तो तो इन्हें दी गई कई सुविधाएं सरकार खत्म कर सकती है. इसमें सबसे बड़ी सुविधा सोशल मीडिया कंपनियों की कोर्ट में पार्टी नहीं बनाने की थी जो अब खत्म हो सकती है. यानी इन कंपनियों को कोर्ट में पार्टी बनाया जा सकता है.
चलिए अब आपको बताते हैं कि तीन महीने पहले केंद्रीय सूचना प्रोद्यौगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोशल मीडिया कंपनियों को क्या निर्देश दिए थे. उन्होंने कहा था कि शिकायत और निगरानी के लिए अफसरों की नियुक्ति हो. इसके लिए भारत ने कंपनियों को 3 महीने की डेडलाइन दिया था. चलिए अब आप ये भी समझिए क्यों लग सकता है ट्विटर,और फेसबुक पर बैन लग सकता है?
भारत में क्यों सोशल मीडिया पर लटकी तलवार?
भारत सरकार ने 25 फरवरी 2021 को निर्देश दिया था. कंपनियां 15 दिन में शिकायत निपटारे की व्यवस्था करे. भारत में ग्रीवांस ऑफिसर, कंप्लायंस ऑफिसर तैनात हों. कंपनियां नोडल ऑफिसर की तैनाती भी करे. कंपनियों को तीन महीने का वक्त दिया गया था. सिर्फ भारतीय कंपनी 'कू' ने अफसरों को नियुक्त किया.
ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम ने अभी जवाब नहीं दिया था, हालांकि अब फेसबुक ने जवाब दे दिया है. कंपनियों ने आपत्तिजनक पोस्ट की निगरानी व्यवस्था नहीं की. शिकायत निपटारे को भारत में अधिकारी नियुक्त नहीं किया. आज कंपनियों को सरकार से मिला वक्त खत्म हो जाएगा.
मध्यस्थ की बजाय जज बनी सोशल मीडिया?
चलिए अब आपको बताते हैं आखिरकार सोशल मीडिया कंपनियों पर क्या आरोप लगाए हैं. सोशल मीडिया कंपनियां निरंकुश हो रही हैं. मध्यस्थ की बजाय जज की तरह काम शुरू किया. कंपनियों के फैक्ट चेकिंग तंत्र में पारदर्शिता नहीं है. फैक्ट चेकर की राजनीतिक पृष्ठभूमि को लेकर सवाल उठे. एक जैसी पोस्ट कभी ब्लॉक कभी कार्रवाई नहीं की गई.
ग्राहक को बताए बगैर पोस्ट ब्लॉक के आरोप लगा. अपराधी और विदेशों में बैठे देश विरोधी इस्तेमाल कर रहे. सरकार के निर्देश के बावजूद भड़काउ पोस्ट चलती रहीं. हालांकि सवाल ये भी है कि आज जब सरकार द्वारा निर्धारित समय सीमा खत्म हो जाएगी तब क्या होगा?
क्या एक्शन ले सकती है भारत सरकार?
तो भारत सरकार इन कम्पनियों के खिलाफ कड़े कदम उठा सकती है. इन कम्पनियों को IT Act 2000 के सेक्शन 79 के तहत जो Protection मिलती है, वो खत्म की जा सकती है.
IT Act 2000 का सेक्शन 79 ये सुनिश्चित करता है कि अगर इन कम्पनियों के सोशल मीडिया Platform पर कोई व्यक्ति गैर कानूनी जानकारी शेयर करता है तो इसके लिए ये कम्पनियां जिम्मेदारी नहीं होंगी. हालांकि सरकार ने 25 फरवरी को जो दिशा निर्देश दिए थे, उनमें कहा था कि अगर कोर्ट और सरकार के आदेश के बाद ये कम्पनियां किसी कटेंट को नहीं हटाती हैं तो सेक्शन 79 के अन्तर्गत उनसे ये अधिकार छीन लिया जाएगा.
चलिए अब आपको बताते हैं किस कंपनी के भारत में कितने यूजर्स हैं
WhatsApp के 53 करोड़
YouTube के 44 करोड़ 80 लाख
Facebook के 41 करोड़
Instagram के 21 करोड़
Twitter के 1 करोड़ 75 लाख
तो 25 फरवरी को 2021 को दिए गए निर्देशों की डेडलाइन आज खत्म हो रही है. जिसके बाद ये माना जा रहा है कि सरकार इन सोशल मीडिया कंपनियों पर कार्रवाई कर सकती है. सवाल ये है कि क्या कल से बंद हो जाएगी सोशल मीडिया की खिड़की?
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