नई दिल्ली: केन्द्र सरकार ने एसपीजी (SPG) संशोधन बिल पेश किया गया. इस दौरान कांग्रेस सदस्यों ने गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा हटाए जाने को लेकर हंगामा मचाया तो गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि राजनाथ जी की तरफ देखो, इनके साथ तो टॉयलेट तक सुरक्षाकर्मी जाते थे. 


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एसपीजी सुरक्षा की परवाह नहीं करता था गांधी परिवार
दरअसल कांग्रेस पार्टी के सदस्य गांधी परिवार के लोगों की एसपीजी सुरक्षा को हटाए जाने को लेकर लगातार हंगामा मचा रहे हैं. ऐसे में उन्हें जवाब देते हुए अमित शाह ने जवाब दिया कि 'गांधी परिवार के सदस्य कई बार बिना सूचना दिए यात्रा पर गए हैं. ऐसा कम से कम 600 बार हुआ है. ऐसा क्या सीक्रेट था? राजनाथ जी को तो लंबे समय तक सुरक्षाकर्मी टॉयलेट तक छोड़ते रहे हैं.'



गांधी परिवार के लिए कांग्रेस चाहती थी आजीवन एसपीजी सुरक्षा 
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने एसपीजी सुरक्षा संशोधन विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के पद से हटने के बाद तत्कालीन सरकार ने उनकी एसपीजी सुरक्षा समाप्त कर जो गलती की थी उसके परिणाम स्वरूप एक आतंकवादी हमले में उनकी जान गई. उस समय की सरकार ने तर्क दिए थे कि एसपीजी के पास इतने जवान तथा इतनी क्षमता नहीं है कि वह इतनी बड़ी संख्या में विशेष लोगों को सुरक्षा प्रदान कर सके. 



मनीष तिवारी ने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार भी आज वही तर्क देकर नियमों में बदलाव करना चाहती है. एसपीजी ने जून 2019 तक पत्र लिखकर स्वर्गीय राजीव गांधी की पत्नी सोनिया गांधी और उनके पुत्र राहुल को बार-बार पत्र लिखकर आगाह किया कि उनकी जान को खतरा बढ़ रहा है. ऐसे में इन पांच महीनों में ऐसा क्या बदल गया कि पहले बिना कानूनों बदलाव किए ही पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह, श्रीमती गांधी और राहुल गांधी की एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली गई. 


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एसपीजी सुरक्षा संशोधन विधेयक का असर पीएम मोदी पर भी पड़ेगा 
कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि एसपीजी बिल में एक परिवार के हिसाब से फेरबदल नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा के हिसाब से किया गया है.



कांग्रेस सांसदों की ओर से उठाए जा रहे सवालों का जवाब देते हुए शाह ने कहा कि बाकी प्रधानमंत्री पर चिंता व्यक्त नहीं करते आप पर केवल परिवार के लिए करते हैं. एसपीजी बिल में संशोधन का असर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी पड़ेगा.


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बदलाव के बाद ये हैं प्रावधान
शुरुआत में SPG एक अधिशासी आदेश के तहत काम करती थी. बाद में एक कानून बना, जिसके बाद स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप काम करने लगा. अब ताजा  बदलाव के बाद सिर्फ मौजूदा प्रधानमंत्री को ये सुरक्षा मिलेगी, इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री के परिवार को पांच साल तक ये सुविधा मिलेगी. विधेयक में प्रावधान किया गया है कि एसपीजी सुरक्षा सिर्फ पदासीन प्रधानमंत्री और उनके आधिकारिक आवास में उनके साथ रहने वाले परिवार के सदस्यों तथा पद से हटने के बाद पांच साल तक पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके आधिकारिक आवास में उनके साथ रहने वाले परिवार के सदस्यों को दी जाएगी. 



कांग्रेस इसलिए है नाराज
 केंद्र सरकार गांधी परिवार के एसपीजी कवर को वापस ले चुकी है, इसलिए एसपीजी विधेयक हाल के घटनाक्रमों के मद्देनजर बेहद महत्वपूर्ण है. गांधी परिवार में सोनिया गांधी, उनके बेटे राहुल गांधी और उनकी बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा को पूर्व प्रधनमंत्री राजीव गांधी की हत्या के बाद से एसपीजी सुरक्षा कवर प्राप्त था. इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी एसपीजी की सुरक्षा दी गई थी, लेकिन सुरक्षा समीक्षा के बाद सभी से एसपीजी की सुरक्षा वापस ले ली गई. 



पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अब केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) द्वारा जेड प्लस सुरक्षा कवर प्रदान किया गया है, वहीं सरकार के आदेश के अनुसार, गांधी परिवार को भी इसी ग्रेड के तहत सुरक्षा कवर बहुत जल्द प्रदान किया जाएगा.