दंगा प्रभावित क्षेत्र में पहुंचे श्री श्री रविशंकर, लोगों से की अमन और शांति की अपील

दिल्ली में दंगे के बाद आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर ने ईस्ट दिल्ली के इलाकों का दौरा किया. उन्होंने लोगों से मुलाकात की, साथ ही अमन और शांति कायम रखने की अपील की

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Mar 1, 2020, 05:53 PM IST
    1. दिल्ली के दंगा प्रभावित इलाकों में पहुंचे श्री श्री रविशंकर
    2. आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर ने सुना लोगों का दर्द
    3. उन्होंने कहा, "लोग सतर्क रहें, अमन शांति से रहें"
    4. श्री श्री लोगों का दर्द बांटने पहुंचे तो भावनाओं का सैलाब उमड़ा
दंगा प्रभावित क्षेत्र में पहुंचे श्री श्री रविशंकर, लोगों से की अमन और शांति की अपील

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में हुए दंगे का दर्द इतनी आसानी से कम नहीं होने वाला है. किसी के घर का चिराग बझ गया, तो किसी की बुढापे की लाठी टूट गई. दंगे ने कईयों के घर तबाह कर दिये. दिल्ली के दंगा प्रभावित इलाकों में जब आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर लोगों का दर्द बांटने पहुंचे तो भावनाओं का सैलाब उमड़ पड़ा.

श्री श्री रविशंकर ने सुना लोगों का दर्द

"ये वक्त दिल्ली की हिंसा में अपना सबकुछ खोए लोगों का हौसला बढ़ाने का है." ये बात कही है आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रविशंकर ने, श्री श्री आज दिल्ली के दंगा प्रभावित इलाकों में गए और लोगों की बात सुनी और उनका हाल पूछा.

इस मौके पर श्री श्री रविशंकर ने कहा कि "लोग सतर्क रहें, अमन शांति से रहें, विश्वास फिर से जताएं, भारत में सभी का समान अधिकार है. भावुकता में आकर, दर्द में आकर कोई कुछ भी बोले, ये चीजें ज्यादा मायने नहीं रखतीं.

श्री श्री रविशंकर ने आज दिल्ली के भजनपुरा, ब्रह्मपुरी, मौजपुर और  जाफराबाद का दौरा किया. हिंसा की आग सबसे ज्यादा इन्हीं इलाकों में भड़की थी. एक के बाद एक कर श्री श्री लोगों से मिले और उनकी बाच सुनी. लौटते हुए श्री श्री ने दिल्ली को शांति का संदेश दिया और कहा कि दिल्ली सबकी है, ये दिखाना होगा.

"सिर्फ मुआवजे से नहीं चलेगा"

जब मीडिया ने उनसे केजरीवाल के मुआवजे से जुड़ा सवाल पूछा तो उन्होंने कहा, "सिर्फ मुआवजे से नहीं चलेगा, लोगों में दोबारा विश्वास जगाना पड़ेगा. सभी को एकसाथ आकर एकता और शांति के लिए काम करना होगा.", साथ ही उन्होंने ये भी बोला कि जिन लोगों के जीवन में एक बहुत बड़ा घाव पहुंचा है. ट्रॉमा है, उनको वहां से निकालने का काम करना होगा. जिम्मेदारी हम सभी की है.

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ये वही दिल्ली है जो 4 दिन पहले तक हिंसा की आग में जल रही थी. लेकिन आज लोग भाईचारे की बात कर रहे हैं. साथ मिलने का वादा कर रहे हैं. यही वजह है कि दिल्ली को दिलवालों की कहा जाता है.

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