नई दिल्ली: Suryakanta Vyas Death: 'डंके के चोट पर चुनाव लडूंगी. मैं जब तक जिंदा हूं, चुनाव लड़ती रहूंगी और अपने क्षेत्र से किसी और को टिकट नहीं लेने दूंगी.'- ये बयान की भाजपा यानी मोदी-शाह के राज में पार्टी का कोई भी विधायक या नेता नहीं दे सकता, लेकिन सूर्यकांता व्यास ने 2023 के विधानसभा चुनाव के टिकट बंटवारे से ठीक पहले ये बयान दिया था. वे तब जोधपुर के सूरसागर से विधायक हुआ करती थीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सार्वजनिक मंचों पर उनसे आशीर्वाद लेते दिखते थे. तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उन्हें 'जीजी' कहकर बुलाते थे. वे अपनी पत्नी को साथ लेकर जीजी से मिलने भी जाया करते थे. बुधवार सुबह 86 साल की उम्र में सूर्यकांता व्यास का निधन हो गया. इस खबर के मिलने के बाद से ही जोधपुर में सन्नाटा पसर गया हैं. सब यही कह रहे हैं- जीजी चली गईं...
कौन हैं सूर्यकांता व्यास (Who is Suryakanta Vyas)
सूर्यकांता व्यास 'जीजी' जोधपुर की सूरसागर सीट से विधायक रही हैं. जोधपुर से लेकर जयपुर तक के नेता इन्हें जीजी कहा करते थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी व्यास के सम्मान में झुका करते थे. सूर्यकांता व्यास 1990 से 2018 तक 7 बार चुनाव लड़ चुकी हैं. वे साल 2008 से 2023 तक सूरसागर से विधायक रहीं. ये वो इलाका था, जहां भाजपा बहुत कमजोर थी. लेकिन सूर्यकांता व्यास ने इसे पार्टी का मजबूत गढ़ बना दिया. उन्होंने 2023 के विधानसभा चुनाव में भी पार्टी से टिकट मिली, लेकिन बढ़ती उम्र का हवाला देते हुए पार्टी ने उनका टिकट काट दिया.
गहलोत मानते थे 'बड़ी जीजी'
सूर्यकांता व्यास भले भाजपा से विधायक रहीं हों लेकिन उनके पूर्व CM और कांग्रेस के दिग्गज नेता अशोक गहलोत से पारिवारिक संबंध थे. अशोक गहलोत व्यास को अपनी बड़ी बहन मानते थे. मारवाड़ गहलोत का गढ़ माना जाता है, यहां पर व्यास ने अपनी पैठ जमकार उन्हें सियासी रूप से चुनौती दी. लेकिन उन्होंने सियासी तस्वीर के इतर हमेशा सूर्यकांता व्यास का आशीर्वाद लिया. व्यास ने भी कई मौकों पर गहलोत सरकार की तारीफ की थी. उन्होंने विधानसभा में ये भी कहा था कि गहलोत कोई काम नहीं रोकते, लेकिन नीचे अधिकारी काम नहीं करते हैं.
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