देश की तीरंदाज बेटी के गले में घुस गया था तीर, लेकिन अब है खतरे से बाहर

असम में आज यानी शुक्रवार से खेलो इंडिया गेम्स (Khelo India Games)  की शुरुआत हो गई है. लेकिन इसके पहले ही तीरंदाज शिवांगिनी गोहेन एक हादसा हो गया. लेकिन खुशी की बात है कि वो अब खतरे से बाहर हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 10, 2020, 02:03 PM IST
    • 12 साल की तीरंदाज शिवांगिनी के गले में घुस गया था तीर
    • स्थानीय स्तर पर की गई थी उपचार की कोशिश
    • एयर लिफ्ट करके दिल्ली लाया गया
    • स्पोर्ट्स इवेंट की तैयारी में जुटी हुई थीं शिवांगिनी
 देश की तीरंदाज बेटी के गले में घुस गया था तीर, लेकिन अब है खतरे से बाहर

नई दिल्ली: 12 साल की तीरंदाज शिवांगिनी गोहेन (Sibangini Gohain)खेलो इंडिया गेम्स (Khelo India Games) से ठीक एक दिन पहले तैयारी में जुटी हुई थीं. लेकिन अभ्यास के दौरान उनके गले में तीर घुस गया. जिसके बाद आनन फानन में उन्हें दिल्ली लाकर इलाज किया गया.

कुछ ऐसे हुआ हादसा
शिवांगिनी गोहेन के साथ यह हादसा डिब्रूगढ़ के छबुआ में हुआ. गोहेन भारतीय खेल प्राधिकरण(SAI) में ट्रेनिंग हासिल कर रही हैं. वे छबुआ के SAI ट्रेनिंग सेंटर में अभ्यास करती हैं. वे साथी खिलाड़ियों के साथ गुरुवार को भी अभ्यास कर रही थीं. इस दौरान शिवांगिनी टार्गेट बोर्ड के पास खड़ी थीं, तभी साथी खिलाड़ी का निशाना चूकने से तीर उनके गले और कंधे के बीच में आ लगा. तीर शिवांगिनी के कंधे के पास 6 इंच अंदर तक घुस गया था.

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स्थानीय स्तर पर की गई थी उपचार की कोशिश
शिवांगिनी को तीर लगने के बाद SAI ट्रेनिंग सेंटर में हंगामा मच गया. उन्हें आनन फानन में स्थानीय अस्पताल में ले जाया गया. जहां उनका ऑपरेशन करके तीर निकालने की कोशिश की गई.  लेकिन बात नहीं बनी. क्योंकि डॉक्टरों को आशंका थी कि तीर उनकी रीढ़ की हड्डी(Spinal cord) तक पहुंच गया है. जिसका ऑपरेशन वहां संभव नहीं था. क्योंकि इसमें जरा सी चूक से शिवांगिनी की जान पर बन जाती.


असम में शिवांगिनी का प्राथिमिक उपचार डॉक्टर वी अग्रवाल ने किया.

एयर लिफ्ट करके दिल्ली लाया गया
स्थानीय अस्पताल में डॉक्टरों ने शिवांगिनी का प्राथमिक उपचार करके उन्हें दिल्ली रेफर कर दिया. उन्हें गुरुवार को रात 8 बजे दिल्ली लाया गया. उनका शुक्रवार को दिल्ली के एम्स ट्रामा सेंटर में सुबह करीब नौ बजे ऑपरेशन हुआ. तीर को पहले मशीन से काटा गया. इसके बाद इसे ऑपरेशन कर कंधे से बाहर निकाल दिया गया.

अब शिवांगिनी की हालत खतरे से बाहर है. इसमें एयर लिफ्ट कर गोहेन को दिल्ली लाए जाने का खर्च भी शामिल है. लेकिन खुशी की बात है कि इतने गंभीर हादसे के बाद भी एक उभरती हुई स्पोर्ट्स प्रतिभा की जिंदगी बच गई.

 

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