नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में कंप्यूटर साइंस के एक स्नातक ने बंजर भूमि पर ड्रैगन फ्रूट की खेती का सफल प्रयोग किया है, जिससे किसानों को अपनी आय बढ़ाने के लिए इसकी खेती करने की प्रेरणा मिल सकती है.
बीटेक के बाद नहीं की मोटी सैलरी वाली नौकरी
शाहजहांपुर में अल्लाहगंज थाना क्षेत्र के तहत चिलौआ गांव के रहने वाले अंशुल मिश्रा ने कंप्यूटर साइंस में ‘बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी’ (बीटेक) की पढ़ाई की है. मिश्रा ने कहा कि उन्होंने चेन्नई से बीटेक की अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद मोटी तनख्वाह वाली नौकरी नहीं की, क्योंकि वह अपने गांव के लोगों के लिए कुछ बड़ा करना चाहते थे और अपने जिले का नाम रोशन करना चाहते थे.
पांच एकड़ जमीन पर कर रहे ड्रैगन फ्रूट की खेती
मिश्रा ने बताया कि वह 2018 में महाराष्ट्र के शोलापुर से ड्रैगन फ्रूट (पिताया) का पौधा लाए और अपने परिवार की बंजर जमीन पर इसकी खेती शुरू की. उन्होंने बताया कि अब वह पांच एकड़ भूमि पर इसकी खेती कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनकी योजना अगले वर्ष से इसकी खेती और अधिक जमीन पर करने की है.
किसानों को ड्रैगन फ्रूट के पौधे भी बेच रहे अंशुल
उन्होंने कहा कि पहले उनके परिवार की जमीन पर गेहूं उगाया जाता था, लेकिन फसल बेचकर उसकी लागत तक प्राप्त नहीं हो पाती थी. उद्यमी ने बताया कि ड्रैगन फ्रूट के अलावा वह बिहार, मध्य प्रदेश और हरियाणा सहित अन्य राज्यों के किसानों को इसके पौधे भी बेच रहे हैं और इसकी खेती करने की युक्ति भी साझा कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि इसकी खेती को कृषि पर्यटन के रूप में विकसित होने की संभावना है और इस संबंध में वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए उनसे मिलना चाहते हैं.
किसानों को दी जाएगी ट्रेनिंग
जिले के मुख्य विकास अधिकारी श्याम बहादुर सिंह ने बताया कि शीघ्र ही एक कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा, जिसमें किसानों को ड्रैगन फ्रूट की फसल, लागत, बाजार आदि की जानकारी देने के साथ-साथ उन्हें प्रशिक्षित भी किया जाएगा.
विटामिन सी, मैग्नीशियम से भरपूर है ड्रैगन फ्रूट
राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि ड्रैगन फ्रूट में विटामिन सी, मैग्नीशियम, प्रचुर मात्रा में प्रोटीन और लोहा (आयरन) होता है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा इसमें विटामिन बी भी होता है. उल्लेखनीय है कि ड्रैगन फ्रूट मूल रूप से दक्षिण मेक्सिको और मध्य अमेरिका का एक उष्णकटिबंधीय फल है. इसका स्वाद कीवी और नाशपाती के मिश्रण जैसा होता है. भारत में यह महाराष्ट्र के विभिन्न भागों में उगाया जाता है.
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