देहरादून: देश में लॉकडाउन का दौर है. ऐसे में कई लोग दूसरे शहरों और प्रदेशों में फंसे हुए हैं. इतने दिनों की बंदी के कारण लोग अब परेशान हो चुके हैं और घर लौटना चाहते हैं. इसके लिए वह लगातार सरकार से मदद की गुहार भी लगा रहे हैं. इसी को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी नागरिकों के लिए मोबाइल नंबर जारी किए हैं. सरकार की तरफ से लिंक भी जारी किया गया है. लोग इस लिंक पर जाकर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं और कोरोना कंट्रोल रूम में भी संपर्क कर सकते हैं. ये लोग पुलिस लाइन स्थित कोविड कंट्रोल रूम व एसडीआरएफ कंट्रोल रूम में भी संपर्क कर सकते हैं.
इस लिंक पर कराना है पंजीकरण
केंद्र के दिशा-निर्देशों के बाद प्रदेश सरकार ने बाहर फंसे लोगों को वापस लाने की कवायद शुरू कर दी है. सबसे पहले उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पंजाब के कैंप में फंसे लोगों को वापस लाने की तैयारी है. बाहर फंसे लोगों की सहूलियत के लिए वेबसाइट लिंक
https://dsclservices.in/uttarakhand-migrant-registration.php बनाया गया है. इस पर वे अपना पंजीकरण करा सकते हैं, जिसके आधार पर उन्हें वापस लाने का निर्णय लिया जाएगा. इसके अलावा 15 मोबाइल नंबर भी जारी किए गए हैं.
बाहरी प्रदेशों में फंसे उत्तराखंडवासियों की जल्द वापसी की तैयारी के निर्देश मुख्य सचिव को दिए हैं। मैं विश्वास दिलाता हूं, बाहर फंसा जो भी उत्तराखंडी अपने राज्य लौटना चाहता है, उसकी वापसी के उचित प्रबंध किए जाएंगे। https://t.co/Rf34KtEeCe पर अपना पंजीकरण करवायें ।
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) April 30, 2020
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केंद्र के दिशा-निर्देशों के आधार पर की गई तैयारी
गुरुवार को केंद्र के दिशा-निर्देशों के अनुसार सरकार ने सचिव शैलेश बगोली और आइजी संजय गुंज्याल को इसके लिए नोडल अधिकारी तैनात किया. इसके अलावा इनके सहयोग के लिए गढ़वाल मंडल में पुलिस अधीक्षक यातायात देहरादून और महाप्रबंधन प्रशासन उत्तराखंड परिवहन निगम और कुमाऊं मंडल में पुलिस अधीक्षक यातायात हल्द्वानी और नगर मजिस्ट्रेट हल्द्वानी को तैनात किया गया.
इसके बाद इन अधिकारियों ने दूसरे राज्यों से संपर्क साध कर काम करना भी शुरू कर दिया था.
ऐसे लाए जाएंगे प्रवासी
प्रदेश सरकार दूसरे राज्यों के सहयोग से बसों के रूट तय करेगी. जहां-जहां लोग फंसे होंगे, उन रूटों से होते हुई प्रवासियों को लाया जाएगा. राज्य सहायता केंद्र के नोडल अफसरों ने प्रवासियों की घरवापसी के लिए दूसरे राज्यों के नोडल अफसरों के साथ बसों के प्रबंध, समय, स्थान और संख्या पर बातचीत शुरू कर दी है.
संदिग्ध नहीं आ पाएंगे
राज्य में आने से पहले प्रत्येक प्रवासी का स्वास्थ्य परीक्षण होगा. बुखार व अन्य लक्षण होने पर उन्हें राज्य में आने की इजाजत नहीं दी जाएगी. राज्य में प्रवेश करने के बाद भी स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा. जिनमें लक्षण पाए जाएंगे, उन्हें संस्थागत क्वारंटीन किया जाएगा. यही प्रक्रिया राज्य में फंसे बाहरी प्रदेशों के पर्यटकों, मजदूरों और छात्रों के लिए अपनाई जाएगी. वापस आए सभी प्रवासियों के लिए 14 दिन का होम क्वारंटाइन किया जाएगा. राज्य में प्रवेश के बाद प्रवासियों का स्वास्थ्य परीक्षण होगा, जिनमें कोई लक्षण नहीं होंगे, उन्हें भी 14 दिन तक होम क्वारंटाइन में रहना होगा.
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