नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार 11 मार्च को राजधानी दिल्ली के पूसा स्थित राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान संस्थान में 'सशक्त नारी-विकसित भारत' कार्यक्रम में भाग लिया और ‘नमो ड्रोन दीदियों’ की ओर से कृषि क्षेत्र में ड्रोन के उपयोग का प्रदर्शन देखा. कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने 1,000 से अधिक ‘नमो ड्रोन दीदियों’ को ड्रोन भी सौंपे.
11 अलग-अलग जगहों से नमो ड्रोन दीदियों ने लिया भाग
इस आयोजन के समय देशभर में 11 अलग-अलग जगहों से भी ‘नमो ड्रोन दीदियों’ ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने उन ‘लखपति दीदियों’ को सम्मानित भी किया, जिन्होंने दीन दयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की सहायता से सफलता प्राप्त की है और वे अन्य स्वयं सहायता समूहों की सदस्यों के उत्थान के लिए मददगार बन रही हैं तथा उन्हें प्रेरित कर रही हैं.
रियायती ब्याज दरों पर प्रदान किया ऋण
साथ ही प्रधानमंत्री ने स्वयं सहायता समूहों को रियायती ब्याज दरों पर लगभग 8,000 करोड़ रुपये का ऋण भी प्रदान किया. ये ऋण बैंकों की ओर से प्रत्येक जिले में बनाए गए बैंक संपर्क शिविरों के माध्यम से दिए जा रहे हैं. इससे पहले, एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि ‘नमो ड्रोन दीदी’ और ‘लखपति दीदी’ कार्यक्रम विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण और उनमें वित्तीय स्वायत्तता को बढ़ावा देने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण का महत्वपूर्ण भाग हैं.
ट्रेनिंग के दौरान दिए जाएंगे 15 हजार
बता दें कि नमो ड्रोन दीदी योजना की शुरुआत मोदी सरकार ने साल 2023 में की थी. इस योजना का मकसद महिलाओं को कृषि के क्षेत्र में नई तकनीक सिखाकर उन्हें शसक्त बनाना है. इसके तहत स्वयं सहायता ग्रुप से जुड़ी महिलाओं को 15000 ड्रोन दिए जाने का लक्ष्य है. इस योजना के तहत महिलाओं को ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग दी जाएगी. साथ ही ट्रेनिंग के दौरान हर महीने 15 हजार रुपए भी दिए जाएंगे.
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