दारूल उलूम ने की योगी सरकार के फैसले की तारीफ, जानें क्यों

मौलाना अरशद मदनी ने कहा, 'हम सरकार के सर्वे की तारीफ करते हैं और अभी तक इसकी जो तस्वीरें आई हैं, वे सही हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 18, 2022, 10:13 PM IST
  • मदरसे के सर्वेक्षण को लेकर बड़ा बयान
  • मौलाना अरशद मदनी ने किया समर्थन
दारूल उलूम ने की योगी सरकार के फैसले की तारीफ, जानें क्यों

सहारनपुर: उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के देवबंद स्थित इस्लामी शिक्षण संस्था दारुल उलूम ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराने के फैसले की रविवार को तारीफ की. साथ ही कहा कि उचित तरीके से काम नहीं कर रहे इक्का-दुक्का मदरसों की कार्यप्रणाली को देखकर पूरे तंत्र पर आरोप नहीं लगाए जाने चाहिए. बैठक में शामिल जमीयत-उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने इस मौके पर एक महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर किसी सरकारी जमीन पर कोई मदरसा बना है तो उसे खुद ही हटवा लिया जाए.

मदरसों का सर्वे को लेकर स्पष्ट किया रुख
रविवार को देवबंद की मशहूर मस्जिद रशीद में आयोजित सम्मेलन में दारुल उलूम ने प्रदेश सरकार द्वारा गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे किये जाने को लेकर अपना रुख स्पष्ट कर दिया. इस सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के विभिन्न मदरसों से आए प्रबंधकों और उलमा ने हिस्सा लिया. सम्मेलन के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि सरकार द्वारा कराए जा रहे सर्वे पर किसी को कोई आपत्ति नहीं है.

उन्‍होंने कहा, 'हम सरकार के सर्वे की तारीफ करते हैं और अभी तक इसकी जो तस्वीरें आई हैं, वे सही हैं.' मदनी ने एक सवाल के जबाव में यह भी कहा कि अगर किसी सरकारी जमीन पर कोई मदरसा गैर कानूनी तरीके से बना हुआ है और न्यायालय द्वारा उसे अवैध घोषित किया जाता है तो मुसलमानों को चाहिये कि वे खुद ही उसे हटा लें, क्योंकि शरीयत इसकी इजाजत नहीं देती.

देश के संविधान के तहत चलते हैं मदरसे
मदनी ने मदरसा संचालकों से सर्वे में सहयोग का आह्वान किया और कहा कि मदरसों के अंदर कुछ भी छिपा नहीं है और इनके दरवाजे सबके लिए हमेशा खुले हुए हैं. उन्होंने कहा कि मदरसे देश के संविधान के तहत चलते हैं, इसलिए मदरसा संचालक उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कराये जा रहे सर्वे में सहयोग करते हुए सम्पूर्ण और सही जानकारी दें.

जमीयत-उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष ने कहा कि मदरसों का सर्वे करना सरकार का हक है और इस कार्य में मदरसा प्रबंधकों को सहयोग करना चाहिए लेकिन यदि कोई मदरसा सरकारी जमीन पर हो तो उसे खुद तोडे़. मदनी ने कहा, ‘सम्मेलन में हमने यही कहा है कि मदरसा संचालक अपने दस्तावेज और जमीन के कागजात मुकम्मल रखें, वहां के ऑडिट, साफ सफाई और बच्चों की तबीयत आदि पर ध्यान दें.’ उन्होंने कहा कि कोई मदरसा देश के संविधान के खिलाफ नहीं है और यदि एक-दो मदरसे उचित तरीके से काम नहीं कर रहे हैं तो उसके लिए पूरे मदरसा तंत्र पर आरोप नहीं लगाए जाने चाहिए.

इसे भी पढ़ें- MMS Leak Case: चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी मामले का मुख्य आरोपी गिरफ्तार, जिसने अश्लील वीडियो किया वायरल

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

ट्रेंडिंग न्यूज़