कोलकाता. पश्चिम बंगाल सरकार में वन मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक से तृणमूल कांग्रेस दूरी बनाती दिख रही है. इसके साफ संकेत मिले हैं पार्टी ज्योतिप्रिय मल्लिक से दूरी बना रही है. ज्योतिप्रिय को हाल ही में करोड़ों रुपये के राशन वितरण घोटाले के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने गिरफ्तार किया है. दरअसल इस वक्त वन मंत्री एक वक्त में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री के पद पर भी थे. मामला उसी वक्त से जुड़ा हुआ है.
कैसे दूरी बना रही है तृणमूल
ज्योतिप्रिय से टीएमसी के दूरी बनाने के प्रमाण इस बात से मिलते हैं कि इस सप्ताह राज्य विधानसभा परिसर में राज्य वन विभाग के एक कार्यक्रम के लिए मंगलवार को जारी निमंत्रण पत्र में मंत्री के रूप में मल्लिक का नाम नहीं है. मल्लिक की गिरफ्तारी बीते अक्टूबर महीने में हुई थी. इसके बाद हुई पहली कैबिनेट बैठक में भी वन मंत्री के रूप में किसी की नियुक्ति नहीं हुई. हालांकि यह कहा गया कि विभाग के मामलों का प्रबंधन राज्य मंत्री बीरबाहा हांसदा द्वारा किया जाएगा.
क्या संदेश देना चाहती है पार्टी?
नाम न हटाने का फैसला कर पार्टी ने संदेश देने की कोशिश की कि वह अब ज्योतिप्रिय के साथ है. लेकिन वन विभाग के निमंत्रण पत्र से उनका नाम गायब होने से अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या यह सत्तारूढ़ दल नेतृत्व का दागी मंत्री से दूरी बनाने का पहला संकेत है.
क्यों नहीं है निमंत्रण पत्र पर ज्योतिप्रिय का नाम
निमंत्रण पत्र पर ज्योतिप्रिय का नाम न होने की वजह से कई तरह की कयासबाजी की जा रही हैं. इस बीच राज्य वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि मल्लिक का नाम निमंत्रण से हटाने का निर्णय इस मामले में किसी और विवाद से बचने के लिए लिया गया, जहां विपक्ष को राज्य सरकार पर हमला करने का मौका मिल सकता था. विभाग की की वेबसाइट पर अभी भी राज्य के वन मंत्री के रूप में मल्लिक का नाम है. साल्ट लेक में अरण्य भवन में राज्य वन विभाग मुख्यालय में उनके कमरे के दरवाजे पर उनकी नेमप्लेट भी बरकरार है.
ये भी पढ़ें- MP Suspended: संसद में केवल विपक्ष के 87 सांसद बचे, अब तक कुल 141 MPs किए जा चुके हैं निलंबित
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.