नई दिल्ली: भारतीय नौसेना की ताकत INS खंडेरी भी इस साल 28 सितंबर को नौसेना में शामिल हुई. ये एक अटैक सबमरीन है जो 12 हजार किलोमीटर तक गहरे समुद्र में सफर तय कर सकती है. दुश्मन आसानी से इस पनडुब्बी का पता नहीं लगा सकता. 2020 में समंदर ये भी कमाल करने वाला है.


सबमरीन की दुनिया का शहंशाह बन रहा भारत!


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सबमरीन की दुनिया का शहंशाह बनने की तरफ भारत का ये दूसरा कदम है. देश के दुश्मनों के लिए समुद्र में दूसरी मौत 2019 में लॉन्च हो गई.  समुद्र में भारत के खिलाफ पाकिस्तान की कोई भी जेहादी साजिश अब मुमकिन नहीं है. क्योंकि भारत की समद्री सरहदों की रक्षा के लिए उतर चुकी है.


किलर शार्क के नाम से मशहूर स्कॉर्पीन क्लास की पहली पनडुब्बी कलवरी लॉन्च होने के बाद अब INS खंडेरी नौसेना को सौंप दी गई जिसे साइलेंट किलर कहा जाता है. समंदर में टेस्टिंग के बाद 28 सिंतबर 2019 को ये नौसेना में शामिल हो गई. फ्रांस की मदद से भारत INS कलवरी और INS खंडेरी समेत स्कॉर्पीन क्लास की ऐसी 6 पनडुब्बियों का बनाएगा. अब यहां INS खंडेरी की कुछ खासियत जान लेना आपके लिए जरूरी है.


INS खंडेरी की खासियत


- ये सबमरीन एक बार में 6500 नॉटिकल मील यानी 12000 किलोमीटर तक जा सकती है
- खंडेरी का निर्माण खास तरह के स्टील से किया गया है, ये स्टील समुद्र की गहराई में भारी से भारी दबाव को झेल सकती है
- आधुनिक संचार उपकरणों से लैस खंडेरी अपने Stealth feature के दम पर दुश्मन को अपनी आहट नहीं लगने देती


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भारतीय नौसेना की ताकत में दिन-ब-दिन खासा इजाफा होता जा रहा है, जो दुश्मन के लिए बड़ी चुनौती है. INS खंडेरी में 533 MM के 6 टॉरपीडो Tubes हैं, जिनमें कुल 18 टॉरपीडो को एक बार में फिट किया जा सकता. यानी इस पनडुब्बी में टॉरपीडो की मारक क्षमता ज्यादा है.


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हिन्दुस्तान ने हिंद महासागर में अपना किला बना लिया है. भारत की समुद्री सीमा तो फूल-प्रूफ हो ही गई है. दुश्मनों के नापाक इरादों पर प्रहार के लिए अब INS खंडेरी हिंद महासागर में तैनात है. किसी ने भी समंदर पर टेढ़ी नज़र डाली से कब्र समंदर में ही बनेगी.


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