हिसार: हरियाणा के किसानों के लिए रात की ठंड चिंता बढ़ाने वाली है. मैदानी इलाकों में भले ही दिन के समय धूप खिलने के बाद मौसम साफ होता दिख रहा है. लेकिन सर्द रातों में पाला जमने के कारण किसानों के लिए परेशानियों का सबब बनता जा रहा है. क्योंकि रात की ठंड के दौरान पाला गिरने की वजह से फसलें पाला का शिकार बन रही हैं.
ताजा तस्वीरों में दिखा पाले का कहर
हरियाणा में हिसार के मैदानी इलाकों में सुबह पाले की चादर बिछी हुई दिखती है. देखने में भले ही ये सुंदर लगे. लेकिन किसानों के लिए ये परेशानी का सबब है. किसान बता रहे हैं कि शुक्रवार को खेतों में पाला जमा नजर आया. इसके कारण फसलों को नुकसान हो रहा है. किसान बता रहे हैं कि ऐसा पिछले साल नहीं हुआ था.
पाला है फसलों के लिए बेहद नुकसानदेह
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में मौसम विभाग के विभागध्यक्ष डॉ मदन लाल खिचड़ ने बताया कि सर्दी के मौसम में जब तापमान हिमांक पर या इससे नीचे चला जाता है, तब वायु में उपस्थित जलवाष्प द्रव रूप में परिवर्तित न होकर सीधे ही सूक्ष्म हिमकणों में परिवर्तित हो जाते हैं.
इसे ही पाला पड़ना या बर्फ जमना कहा जाता है. दोपहर बाद हवा के न चलने तथा रात में आसमान साफ रहने पर पाला पड़ने की संभावना ज्यादा रहती है. उन्होंने बताया कि राज्य में पाला आमतौर पर दिसम्बर से फरवरी के महीने में ही पड़ता है.
पाले के कारण फसलो, सब्जियों व छोटे फलदार पौधों व नर्सरी पर इसका हानिकारक प्रभाव पड़ता है। क्योंकि फसलों और सब्जियों, छोटे फलदार तनों, फूलों, फलों में मौजूद द्रव बर्फ के रूप में जम जाता है और ये पौधों की कोशिकाओं को नष्ट कर देता है साथ ही पत्तियों को भी झुलसा देता है.
पाले से बचने के उपाय
मौसम विज्ञानी ने किसानों को सुझाव देते हुए कहा कि पाले का हानिकारक प्रभाव सरसों, आलू, फलों और सब्जियों की नर्सरी तथा छोटे फलदार पौधों पर पड़ता है. इससे बचाव के लिए किसानों को सिंचाई करनी चाहिए.
इसके अलावा खेत के किनारे पर और 15 से 20 फ़ीट की दूरी के अंतराल पर जिस ओर से हवा आ रही हैं, उधर रात के समय कूड़ा कचरा, या फिर सूखी घास को जलाकर धुआं करना चाहिए ताकि वातावरण का तापमान बढ़ सके और जिससे पाले का हानिकारक प्रभाव फसलों पर ना पड़े. इसके अलावा सीमित क्षेत्र में लगे हुए फल और सब्जियों की नर्सरी को टाट, पॉलीथिन तथा भूसे से ढका जा सकता है.
हिसार में जीरो के पास पहुंच चुका है न्यूनतम तापमान
मौसम वैज्ञानिक डॉ. मदन लाल खिचड़ ने बताया है कि 12 जनवरी तक मौसम आमतौर पर खुश्क रहने व दिन के तापमान में हल्की बढ़ोतरी होने की आशंका है. जबकि संभावित उत्तर पश्चिमी हवाएं चलने से रात्रि तापमान में गिरावट और भोर व देर रात के समय धुंध की आशंका है.
हिसार में न्यूनतम तापमान 0.4 डिग्री दर्ज किया गया. वहीं घास के उपर तापमान माइन्स 4 डिग्री रहा है. जिसकी वजह से ऐसे में पाला जमा है.
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