ग्वालियर व्यापार मेले में 'काइट फेस्टिवल' की धूम

मकर संक्रांति के साथ ही पूरे देश में पतंगबाजी को लेकर उत्साह है. इसी मौके पर ग्वालियर व्यापार मेले में भी काइट फेस्टिवल का आयोजन किया गया है जिसे लेकर हर वर्ग में रोमांच देखा जा रहा है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 13, 2020, 12:34 PM IST
    • चाइनीज मांझे की जगह भारतीय मांझे की मांग
    • बच्चों में पतंगों को लेकर खासा उत्साह
ग्वालियर व्यापार मेले में 'काइट फेस्टिवल' की धूम

ग्वालियर: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में 14 जनवरी को मकर संक्रांति के अवसर पर ग्वालियर व्यापार मेले में काइट फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है. जिसे लेकर पूरे ग्वालियर में खासा उत्साह देखा जा रहा है.

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ग्वालियर में मकर संक्रांति के मौके पर पतंग उड़ाने की परंपरा है. मकर सक्रांति और काइट फेस्टिवल के मद्देनजर शहर में पतंग की दुकानें सज गई है. उधर युवाओं ने चाइनीज मांजे का इस्तेमाल ना करने का संकल्प लिया जिसके चलते इस बार चाइनीज मांझा नहीं दिख रहा है. ग्वालियर चंबल अंचल में भी मकर सक्रांति के मौके पर पतंगबाजी करने की परंपरा है. पतंग प्रेमी को इसका साल भर इंतजार रहता है. पतंगबाजो के लिए ग्वालियर व्यापार मेले में 14 जनवरी को मनाया जा रहा काइट फेस्टिवल सबसे बड़ा आयोजन है. काइट फेस्टिवल में हुनरबाज और युवा पतंगबाजी अपना हाथ आजमाएंगे. यही वजह है कि मकर सक्रांति और काइट फेस्टिवल के चलते ग्वालियर शहर में पतंग की दुकान पर कई वैरायटी वाली पतंगों की बहार है. दुकानदार का कहना है कि इस बार तिरंगा पतंगे ग्राहकों की पहली पसंद बनी हुई है. वही चांद-तारा पतंग की भी खास डिमांड है. 

बच्चों में पतंग उत्सव को लेकर उत्साह
मकर संक्रांति पर बच्चे में भी पतंगबाजी से ज्यादा पतंगों को लेकर उत्साह रहता है. इसके लिए बच्चे तरह-तरह के पतंगों की खरीदारी करते उधर बच्चे मेटल पन्नी वाली फैंसी पतंगों के साथ ही कार्टून वाली पतंगे पसंद कर रहे हैं. बच्चों में डोरेमोन, स्पाइडरमैन, छोटा भीम सहित अन्य कार्टून वाली पतंगों की खास डिमांड हैं. 

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युवा कर रहे है चायनीज मंजे के उपयोग न करने की अपील
हर साल की तरह इस बार भी चायनीज मांजा बाजार में है लेकिन पंतगबाजी वालों की पहली पसंद देशी धागे वाले मांजे हैं. काइट फेस्टिवल की तैयारी कर रहे युवाओं ने इस बार चायनीज मांजे का इस्तेमाल न करने की शपथ ली है. युवाओं का कहना है कि चायनीज मांजे से पक्षियों के साथ ही बच्चों और खुद उनको हाथों या शरीर में चोंट आने का खतरा रहता है. लिहाजा इस बार काइट फेस्टिवल और मकर संक्रांति पर देशी मांजे के साथ पतंगबाजी होगी.
 

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