घर वापसी को उत्सुक श्रमिक, ट्रेन में सीटें थी 1200 और स्टेशन पहुंच गए 5 हजार

लॉकडाउन की वजह से देश के कोने कोने में बसे मजदूर अपनी घर वापसी के लिए उत्सुक हैं और कोई न कोई उपाय करके हर हालत में घर पहुंचना चाहते हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 3, 2020, 03:07 PM IST
    • मजदूर अपनी घर वापसी के लिए उत्सुक हैं
    • स्पेशल ट्रेन के इंतजार में स्टेशन पर जमा हो गए हजारों लोग
    • सामाजिक दूरी का पालन करके ही कोरोना वायरस की चैन तोड़ी जा सकती है
घर वापसी को उत्सुक श्रमिक, ट्रेन में सीटें थी 1200 और स्टेशन पहुंच गए 5 हजार

मुंबई: कोरोना वायरस के कारण देश भर में अपने घरों से हजारों किलोमीटर दूर अनगिनत मजदूर फंसे हुए हैं. इनकी जिंदगी का ये सबसे कठिन दौर चल रहा है क्योंकि लॉकडाउन की वजह से इनकी आय का स्रोत तो पहले से ही बन्द है और ऊपर से खाने पीने की भी बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इन सभी समस्याओं के बीच घर से दूर होने के कारण इन्हें अपने परिवार की भी चिंता हो रही है. गृह मंत्रालय ने सभी की पीड़ा को समझते हुए इन्हें घर भेजने का प्रबंध किया है.

स्पेशल ट्रेन के इंतजार में स्टेशन पर जमा हो गए हजारों लोग

आपको बता दें कि सभी मजदूर घर जाने के लिए स्पेशल ट्रेन का इंतजार कर रहे हैं और सोच रहे हैं कि उनकी घर जाने की बारी जल्द आएगी. शनिवार रात तकरीबन 1:00 बजे 1200 मजदूरों को लेकर भिवंडी शहर से गोरखपुर के लिए यह ट्रेन रवाना हुई.

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स्पेशल ट्रेन की जानकारी मिलते ही भिवंडी शहर में उत्तर भारत के लोगों का हुजूम इकट्ठा हो गया. 1200 की जगह पर करीब 5000 लोग इकट्ठा हो गए और प्रशासन से घर भेजने की जिद करने लगे. ऐसे में पुलिस प्रशासन के लिए यह एक बहुत बड़ी चुनौती थी कि इन तमाम लोगों को रेलवे स्टेशन पर जाने से रोका जाए. लिहाजा इन तमाम लोगों को भिवंडी के अंजुर फाटा में पुलिस और स्थानीय प्रशासन की मदद से बिठाया गया और सबको समझाया गया और उसके बाद में सबकी थर्मल स्क्रीनिंग की गई.

भीड़ से पूरे समाज को खतरा

आपको बता दें अफवाहों के कारण इन दिनों स्टेशन और बस अड्डों पर जो भीड़ जमा होती है उससे पूरे देश को खतरा है. सामाजिक दूरी का पालन करके ही कोरोना वायरस की चैन तोड़ी जा सकती है. भिवंडी में 5 हजार लॉगिन के जमा होने से कोरोना के फैलने की आशंका है. केंद्र सरकार की कोशिश है कि जल्द से जल्द सभी श्रमिक अपने घरों में पहुंच जाएं लेकिन एक साथ सभी को ट्रेन में भेजना संभव नहीं है. इसलिए राज्य सरकारें चरण बद्ध तरीके से योजना बनाकर मजदूरों को उनके घर भेजने का प्रबंध कर रही हैं.

घर जाने की आस लगाए बैठे हैं मजदूर

सभी मजदूर इसी आस में हैं कि जल्द ही उन्हें भी उनके घर भेजा जाएगा और वह भी अपनों से मिल पाएंगे. भिवंडी शहर पावर लूम उद्योग का प्रमुख केंद्र माना जाता है, यहां पर उत्तर भारत के हजारों की तादात में मजदूर और कुशल कारीगर काम करते हैं. लॉक डाउन की वजह से ये सभी लोग यहां फस गए थे और कई सारी दिक्कतें इनके सामने पैदा हो गई थीं.

ट्रेन में भी होता है सामाजिक दूरी रखने का पालन

पूरी जांच-पड़ताल के बाद में इन मजदूरों में से 1200 लोगों को स्टेशन की तरफ बसों में बिठा करके रवाना किया गया था. सारे डाक्युमेंट्स वेरीफाई करने के बाद में और इस बात की तसल्ली होने के बाद कि ये सभी लोग उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के ही हैं. इन्हें ट्रेन में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बैठाया गया. इन तमाम लोगों से 800 रुपये लिए गए और इन्हें पानी की बोतल और खाने-पीने का पूरा सामान दिया गया.

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